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क्या इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल आपके वाहन के लिए सुरक्षित? पेट्रोलियम मंत्रालय ने दिया स्पष्टीकरण 
पेट्रोलियम मंत्रालय ने इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के उपयोग को वाहनों के लिए सुरक्षित बताया है (तस्वीर: अनस्प्लैश)

क्या इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल आपके वाहन के लिए सुरक्षित? पेट्रोलियम मंत्रालय ने दिया स्पष्टीकरण 

Aug 05, 2025
02:35 pm

क्या है खबर?

केंद्र सरकार ने वाहनों में 20 फीसदी इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (E20) के इस्तेमाल को लेकर बढ़ती लोगों की चिंताओं को खारिज कर दिया है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने ऐसी आशंकाओं को निराधार बताया है और कहा है कि ये वैज्ञानिक प्रमाणों या विशेषज्ञ विश्लेषण पर आधारित नहीं हैं। यह स्पष्टीकरण उन शिकायतों के जवाब में दिया, जिनमें कहा गया कि E20 ईंधन से इंजन को नुकसान और माइलेज कम होने के साथ रखरखाव लागत बढ़ सकती है।

बयान 

लोगों की चिंता पर मंत्रालय ने क्या कहा?

मंत्रालय ने एक पोस्ट में कहा, "यह कहना कि पेट्रोल में इथेनॉल मिलाने से वाहनों को नुकसान हो रहा है या उपभोक्ताओं को अनावश्यक परेशानी हो रही है, वास्तविक तथ्यों पर आधारित नहीं है और इसमें तकनीकी आधार का अभाव है।" मंत्रालय ने माना कि इथेनॉल का ऊर्जा घनत्व पेट्रोल से कम होता है, जिससे माइलेज में थोड़ी कमी आ सकती है, लेकिन उसने कहा कि यह गिरावट मामूली है और स्वीकार्य सीमा के भीतर है।

माइलेज 

माइलेज में आती है मामूली गिरावट

सरकारी अनुमान के अनुसार, 10 फीसदी इथेनॉल (E10) के लिए डिजाइन किए गए और E20 के लिए कैलिब्रेटेड चौपहिया वाहनों के लिए ईंधन दक्षता में गिरावट लगभग 1-2 फीसदी है। अन्य वाहनों के लिए माइलेज लगभग 3-6 फीसदी घटता है। रिपोर्ट में कहा गया है, "दक्षता में इस मामूली गिरावट को बेहतर इंजन ट्यूनिंग और E20-संगत सामग्रियों के उपयोग के माध्यम से और कम किया जा सकता है, जिसे प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माता पहले ही अपना चुके हैं।

पुराने वाहन 

पुराने वाहनों पर क्या पड़ता है असर?

मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों का हवाला देते हुए E20 फ्यूल का वाहनों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में भी बताया है। पहले 1 लाख किलोमीटर तक प्रत्येक 10,000 किलोमीटर पर कार्बोरेटेड और ईंधन-इंजेक्टेड वाहनों के परीक्षण से पता चला कि इथेनॉल-पेट्रोल मिश्रण के प्रभाव से पावर, टॉर्क या ईंधन खपत में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं है। विभिन्न परीक्षणों में यह भी पता चला कि पुराने वाहनों में इससे कोई टूट-फूट होना नहीं पाया गया है।

पर्यावरण 

पर्यावरण के लिए है सुरक्षित विकल्प 

पर्यावरण को होने वाले नुकसान पर जताई गई चिंताओं पर प्रकाश डालते हुए मंत्रालय ने दावा किया कि इथेनॉल, पेट्रोल का विकल्प बन गया है और CO2 उत्सर्जन को कम करने में मदद कर रहा है। इथेनॉल का उत्पादन अब गन्ने के अलावा चावल, मक्का, क्षतिग्रस्त खाद्यान्नों और कृषि अवशेषों से किया जाता है। अध्ययन के अनुसार, गन्ना और मक्का से बना इथेनॉल के लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन पेट्रोल की तुलना में क्रमशः 65 और 50 फीसदी कम है।