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कार के इंजन के लिए कितना जरूरी है कूलेंट? जानिए इसके फायदे 
कूलेंट कार के इंजन के बेहतर कार्य करने के लिए जरूरी होता है (तस्वीर: फ्रीपिक)

कार के इंजन के लिए कितना जरूरी है कूलेंट? जानिए इसके फायदे 

Aug 10, 2025
05:06 pm

क्या है खबर?

किसी भी कार की लंबी उम्र के लिए उसका नियमित रूप से रखरखाव जरूरी है। इसके लिए हर छोटी-छोटी बात पर ध्यान देना आवश्यक है। इसमें ऑयल से लेकर कूलेंट तक शामिल है। इससे पहले यह जान लेना जरूरी है कि कूलेंट इंजन के लिए कितना जरूरी है? यह इंजन के लिए किस तरह का काम करता है और इसे कितने समय में आपको बदलवा लेना चाहिए? आइये जानते हैं अपनी कार के लिए सही कूलेंट का चुनाव कैसे करें?

कूलेंट 

क्या होता है कूलेंट?

कूलेंट एक एंटीफ्रीज है, जो कार के इंजन को एक सही तापमान पर काम करना सुनिश्चित करता है। यह इंजन को गर्म परिस्थितियों में ज्यादा गर्म होने और ठंडे तापमान में जमने से रोकने का काम करता है। साथ ही कूलेंट इंजन की उम्र को बढ़ाने का काम भी करता है। कार के इंजन के लिए कूलेंट के घटकों में डिस्टिल्ड पानी, ग्लाइकोल और बोरेट, नाइट्रेट, फास्फेट, सिलिकेट और सोडियम बेंजोएट जैसे एडिटिव्स शामिल हैं।

प्रकार 

कितनी तरह का होता है कूलेंट?

एथिलीन ग्लाइकोल: इसका इस्तेमाल आमतौर पर किया जाता है। यह हीट ट्रांसफर गुण प्रदान करता है। प्रोपलीन ग्लाइकोल: यह कम जहरीला और अधिक पर्यावरण के अनुकूल होता है, लेकिन चरम तापमान में एथिलीन ग्लाइकोल जितना प्रभावी नहीं हो सकता है। ऑर्गेनिक एसिड टेक्नोलॉजी (OAT) कूलेंट: यह लंबे समय 5 साल तक काम करते हैं और इंजन में जंग लगने की संभावना को कम करते हैं। हाइब्रिड ऑर्गेनिक एसिड टेक्नोलॉजी (HOAT) कूलेंट: बेहतर प्रदर्शन और सुरक्षा प्रदान करते हैं।

फायदा 

क्या है इसके फायदे?

कूलेंट इंजन के सही तापमान को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे बेहतर परफॉर्मेंस मिलती है। साथ ही ओवरहीट होने से रोककर इंजन को नुकसान से बचाता है। यह रेडिएटर और अन्य कूलिंग सिस्टम के पार्ट्स को जंग लगने से रोककर टूट-फूट से रोकने का काम करता है। अच्छा कूलेंट इंजन की उम्र को बढ़ाने के साथ ही परफॉर्मेंस भी बेहतर देने का काम करता है। यह पर्यावरण के लिए भी बहुत अच्छा है।

नुकसान 

इसकी कमी से हो सकते हैं ये नुकसान

अगर आपकी कार में कूलेंट की मात्रा कम होती है तो ऐसा होना निश्चित है कि कार का इंजन ओवरहीट हो जाएगा। अगर, कार में कूलेंट की मात्रा कम रहेगी तो इंजन का तापमान बढ़ जाता है और लंबे समय तक ऐसा रहने से इंजन के कई पार्ट्स पर इसका खराब असर होता है। इसके अलावा कार चलाते समय कूलेंट की कमी से इंजन को ज्यादा क्षमता के साथ काम करना पड़ता है, जिससे माइलेज भी कम हो जाता है।

लक्षण 

कब बदल देना चाहिए कूलेंट?

कूलेंट का रिसाव, इंजन ज्यादा गर्म होने, हुड के नीचे से भाप निकलने या रेडिएटर फ्लुइड का गंदा या जंग लगा हुआ रंग संकेत देता है कि इसे बदलने का समय आ गया है। अपनी कार के लिए सही कूलेंट को जानने के लिए निर्माता की सलाह का पालन करें। विभिन्न गाड़ियों में कूलेंट के लिए अलग-अलग स्पेसिफिकेशन हो सकते हैं। आप अपनी कार के इंजन की सामग्री के अनुकूल कूलेंट चुनें।