होंडा एक्टिवा को मिला अपडेट, डिजिटल कंसोल समेत ये फीचर्स हुए शामिल
होंडा ने अपने लेटेस्ट स्कूटर एक्टिवा को अपडेट कर दिया है। कंपनी ने इस स्कूटर को डिजिटल कंसोल और लेटेस्ट कनेक्टिविटी फीचर्स से लैस कर दिया है। इसके अलावा कंपनी ने इस स्कूटर को H-स्मार्ट तकनीक और इंजन स्टार्ट-टॉप बटन के साथ भी अपडेट कर दिया है। साथ ही अब यह स्कूटर स्मार्ट चाभी के साथ आएगा। इसकी मदद से इसे आसानी ने लॉक और अनलॉक किया जा सकेगा। इस स्कूटर को भारत में खूब पसंद किया जाता है।
कैसा होंडा एक्टिवा 6G का लुक?
होंडा एक्टिवा 6G को अंडरबोन फ्रेम पर बनाया गया है और इसमें इंडिकेटर-माउंटेड फ्रंट एप्रन, फ्लैट-टाइप सीट, सिल्वर ग्रैब रेल और अंडर-सीट स्टोरेज कम्पार्टमेंट दिया गया है। इसमें एक सेमी-डिजिटल इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर, एक LED हेडलाइट, आगे 12-इंच और पीछे 10-इंच के मिक्स्ड मेटल के अलॉय व्हील दिए गए हैं। होंडा के इस स्कूटर का वजन 111 किग्रा है और इसकी फ्यूल कैपेसिटी 5.3-लीटर है। बता दें कि यह भारत में बिकने वाला सबसे लोकप्रिय स्कूटर है।
124cc इंजन के साथ आता है यह स्कूटर
होंडा एक्टिवा 125 में BS6 मानकों को पूरा करने वाला 124cc का एयर-कूल्ड इंजन दिया गया है जो 6,500rpm पर 8.18hp की पावर और 5,00rpm पर 10.3Nm का पीक टॉर्क जनरेट करता है। ट्रांसमिशन को सरल बनाने के लिए इंजन को एक CVT गियरबॉक्स से जोड़ा गया है। बता दें कि यह स्कूटर 85 किलोमीटर प्रति घंटे की टॉप स्पीड से चल सकता है और एक लीटर पेट्रोल में 50 से 60 किलोमीटर की दूरी तय करने में सक्षम है।
स्कूटर में मिलते हैं ये फीचर्स
राइडर की सुरक्षा और होंडा एक्टिवा 125 सड़कों पर बेहतर संचालन प्रदान करने के लिए इसमें कंबाइंड ब्रेकिंग सिस्टम (CBS) के साथ, आगे के पहिये पर डिस्क ब्रेक और पीछे ड्रम ब्रेक दिया गया है। दोपहिया वाहन के सस्पेंशन का ध्यान रखते हुए आगे की तरफ टेलिस्कोपिक फोर्क्स और रियर एंड पर 3-स्टेप एडजस्टेबल स्प्रिंग-लोडेड हाइड्रोलिक यूनिट दिया गया है। यह स्कूटर बेहद आरामदायक है और भारतीय सड़कों पर बेहतरीन प्रदर्शन करता है।
क्या है इस स्कूटर की कीमत?
भारतीय बाजार में होंडा एक्टिवा 6G को 74,536 रुपये देकर खरीदा जा सकता है। वहीं इसके टॉप मॉडल की कीमत 80,537 रुपये (दोनों कीमतें एक्स-शोरूम) है। यह स्कूटर हीरो जूम को टक्कर देता है।
क्या आप जानते हैं?
होंडा कंपनी की स्थापना 1946 में सोइचिरो होंडा ने मात्र 12 कर्मचारियों के साथ की थी। इससे पहले वे टोयोटा के लिए इंजन के पिस्टन के छल्ले बनाते थे। कुछ ही सालों में इनकी टीम ने मिलकर एक मोटरसाइकल बनाई। बता दें कि इसके सभी पार्ट्स को सोइचिरो होंडा ने खुद बनाया था। हालांकि, उन्होंने इसकी कीमत को काफी कम रखी जिससे बाइक की डिमांड बढ़ गयी और 1964 तक आते-आते यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी बन गयी।