घटती बिक्री के बावजूद कार कंपनियों को नुकसान नहीं, बढ़ रहा मुनाफा
वित्त वर्ष 2021 में पैसेंजर वाहनों की कुल बिक्री दशक के निचले स्तर पर आ गई थी, लेकिन धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हुई और ऑटो निर्माताओं का राजस्व पूर्व-कोविड स्तरों पर लौट आया है। अब देश में वाहनों की बिक्री ने रफ्तार पकड़ ली है और हर महीने हजारों की संख्या में वाहनों की बिक्री हो रही है। अब कार कंपनियां अपनी हर गाड़ियों की बिक्री पर पहले की तुलना में अधिक पैसे कमा रही हैं।
पहले से अधिक पैसे कमा रही कार कंपनियां
भारतीय बाजार में SUVs की जबरदस्त मांग है और इस सेगमेंट में किआ और हुंडई जैसी कंपनियां सबसे अधिक पैसे बना रही हैं। वित्त वर्ष 2022 में मारुति ने 2019 की तुलना में 11 प्रतिशत कम गाड़ियों की बिक्री की है। हालांकि, फिर भी कंपनी को मुनाफा हुआ है। वहीं, इस दौरान टाटा मोटर्स का मुनाफा भी दोगुना हो गया है, जबकि वाहनों की बिक्री में केवल 76 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
मारुति सुजुकी और किआ मोटर्स का कारोबार
मारुति सुजुकी ने वित्त वर्ष 2019 में कुल 83,027 करोड़ रुपये का कारोबार किया था। कोरोना महामारी के कारण 2020 और 2021 में यह घटकर क्रमशः 71,690 करोड़ और 66,562 करोड़ रुपये हो गया था। हालांकि, हालात सामान्य होने पर वित्त वर्ष 2022 में कंपनी कुल 83,798 करोड़ रुपये का कारोबार कर चुकी है। वहीं, 2020 और 2021 में किआ मोटर्स ने देश में क्रमशः 10,838 करोड़ और 20,290 करोड़ रुपये का कारोबार किया था।
टाटा मोटर्स और हुंडई का कारोबार
टाटा मोटर्स ने वित्त वर्ष 2019 में कुल 15,052 करोड़ रुपये का कारोबार किया था। महामारी के कारण 2020 और 2021 में यह क्रमशः 10,482 करोड़ और 16,606 करोड़ रुपये हो गया था। हालांकि, हालात सामान्य होने पर वित्त वर्ष 2022 में कंपनी कुल 31,515 करोड़ रुपये का कारोबार कर चुकी है। वहीं, 2020 और 2021 में हुंडई ने देश में क्रमशः 43,258 करोड़ और 42,979 करोड़ रुपये का कारोबार किया था।
महिंद्रा एंड महिंद्रा का कारोबार
महिंद्रा ने वित्त वर्ष 2019 में कुल 35,352 करोड़ रुपये का कारोबार किया था। वहीं, 2020 और 2021 में यह घटकर क्रमशः 28,408 करोड़ और 25,014 करोड़ रुपये हो गया था।