NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    ऑपरेशन सिंदूर
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / दुनिया की खबरें / #NewsBytesExplainer: मालदीव के संसदीय चुनावों पर क्यों हैं भारत और चीन की नजरें?
    अगली खबर
    #NewsBytesExplainer: मालदीव के संसदीय चुनावों पर क्यों हैं भारत और चीन की नजरें?
    मालदीव में संसदीय चुनाव के लिए मतदान हो रहा है

    #NewsBytesExplainer: मालदीव के संसदीय चुनावों पर क्यों हैं भारत और चीन की नजरें?

    लेखन आबिद खान
    Apr 21, 2024
    06:12 pm

    क्या है खबर?

    भारत के पड़ोसी देश मालदीव में आज संसदीय चुनावों के लिए मतदान हो चुका है। इसमें 93 संसदीय सीटों पर 2.84 लाख मतदाताओं ने हिस्सा लिया है।

    भारत विरोधी और चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु के लिए इसे अग्निपरीक्षा माना जा रहा है, क्योंकि राष्ट्रपति बनने के बाद ये उनका पहला संसदीय चुनाव है। चुनाव में कई पार्टियों के मैदान में उतरने से मुइज्जु के लिए चुनौतियां बढ़ गई हैं।

    आइए जानते हैं भारत के लिए चुनाव क्यों अहम है।

    बहुमत

    मुइज्जु के पास संसद में नहीं है बहुमत

    मालदीव की संसद मजलिस में मोहम्मद सालेह के नेतृत्व वाली विपक्ष की मालदिवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) को 41 सीटों के साथ बहुमत है।

    संसद में बहुमत न होने के चलते मुइज्जु कोई भी नया कानून नहीं बना पा रहे हैं। यानी अगर मुइज्जु को संसद में बहुमत हासिल करना है तो उनकी पार्टी पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (PNC) को चुनाव जीतना ही होंगे।

    चुनावों के प्रारंभिक नतीजे 22 अप्रैल और अंतिम नतीजे 28 अप्रैल तक जारी किए जा सकते हैं।

    चुनौतियां

    मुइज्जु के लिए कई हैं चुनौतियां

    मुइज्जु ने राष्ट्रपति चुनाव भले ही भारत और चीन की नीतियों को केंद्र में रखकर जीता हो, लेकिन संसदीय चुनावों में आर्थिक तनाव, रोजगार और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के विकास जैसे मुद्दे छाए हुए हैं।

    हाल ही में मुइज्जु के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की एक रिपोर्ट में सामने आई है, जिसके बाद विपक्षी पार्टियों ने महाभियोग की मांग शुरू कर दी है। मुइज्जु की पार्टी को माले मेयर चुनाव में भारी अंतर से हार का सामना करना पड़ा था।

    मुकाबला

    कई पार्टियों के उतरने से दिलचस्प हुआ मुकाबला

    आमतौर पर मालदीव में 2 ही पार्टियां में मुख्य मुकाबला होता रहा है, लेकिन इस बार 4 बड़ी पार्टियां मैदान में हैं।

    कभी MDP में रहे पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद अब नई पार्टी बना चुके हैं। पिछले हफ्ते ही कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को भ्रष्टाचार के मामले में मिली 11 साल की सजा को रद्द कर दिया है, जिसके बाद वे भी नई पार्टी बनाकर मैदान में हैं।

    इसके अलावा कई स्वतंत्र उम्मीदवार भी ताल ठोंक रहे हैं।

    अहम

    भारत के लिए क्यों अहम है चुनाव?

    मुइज्जु खुले तौर पर भारत विरोधी और चीन के समर्थक हैं। उन्होंने राष्ट्रपति बनने के बाद से ही कई भारत विरोधी फैसले लिए हैं।

    भारत चाहता है कि चुनावों में सालेह की MDP को जीत मिले। सालेह को भारत समर्थक माना जाता है। 2018 के चुनाव में जीत के बाद उन्होंने भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने के लिए 'इंडिया फर्स्ट' नीति पर काम करना शुरू किया था।

    चीन

    चुनाव पर चीन की क्यों हैं नजरें?

    मुइज्जे चीन समर्थक हैं। ये परंपरा रही है कि मालदीव का नवनिर्वाचित राष्ट्रपति अपनी पहली विदेश यात्रा भारत की करता है, लेकिन मुइज्जु ने इसे तोड़ते हुए चीन की यात्रा की। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौते हुए।

    मुइज्जु ने चीन को मालदीव में कई परियोजनाओं में निवेश की हरी झंडी दी है और वे 'चाइना फर्स्ट' नीति का पालन करते रहे हैं। इसलिए चीन की भी चुनावों पर नजरें हैं।

    मालदीव

    भारत-चीन के लिए क्यों अहम है मालदीव?

    मालदीव हिंद महासागर में दुनिया के सबसे व्यस्त पूर्व-पश्चिम शिपिंग लेन पर स्थित है। इस वजह से इस देश का व्यापारिक महत्व है।

    रणनीतिक लिहाज से भी मालदीव दोनों देशों के लिए अहम है। यहां से हिंद महासागर के बड़े इलाके पर नजर रखी जा सकती है।

    इस इलाके में चीन के बढ़ते दखल की वजह से भारत के लिए ये महत्वपूर्ण है। यानी मालदीव के चुनाव देश के साथ ही आसपास के इलाकों का भविष्य भी तय करेंगे।

    मुइजुज्

    कौन हैं मुइज्जू?

    15 जून, 1978 को जन्मे मुइज्जू ने लंदन यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। साल 2012 में उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और मंत्री बने।

    2013 में जब अब्दुल्ला यामीन राष्ट्रपति बने तब भी वह मंत्री रहे। 2013 से 2081 तक उन्होंने कई पुल, पार्क, मस्जिद और सड़कें बनवाई। 2021 के चुनाव में वह राजधानी माले के मेयर बने।

    यामीन को सजा मिलने के बाद मुइज्जू को विपक्षी गठबंधन ने राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    चीन समाचार
    मालदीव
    #NewsBytesExplainer

    ताज़ा खबरें

    लारा दत्ता के पिता और भारतीय वायुसेना के पूर्व कमांडर एलके दत्ता का निधन लारा दत्ता
    आमिर खान की 'लगान' का 24 साल बाद भी जलवा कायम, ऑस्कर अकेडमी ने मनाया जश्न आमिर खान
    ओला रोडस्टर X पर 10,000 रुपये फायदे घोषित, जानिए किन ग्राहकों को मिलेगा  ओला इलेक्ट्रिक
    IPL 2025, क्वालीफायर-2: MI और PBKS का एक-दूसरे के खिलाफ कैसा रहा है प्रदर्शन? जानिए आंकड़े  IPL 2025

    चीन समाचार

    चीन के चांग ई 8 मिशन की तैयारी तेज, चांद पर उतरने की है योजना चांद
    चीन LAC पर बनाए नए गांवों में बसा रहा अपने नागरिक, सेना भी करेगी इस्तेमाल- रिपोर्ट  वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC)
    भारत से तनाव के बीच मालदीव पहुंचा चीन का 'अनुसंधान' जहाज, लगता है जासूसी का आरोप मालदीव
    चीनी हैकरों ने भारत सरकार, PMO और रिलायंस को बनाया था निशाना, लीक में खुलासा हैकिंग

    मालदीव

    देश छोड़कर भागे श्रीलंका के राष्ट्रपति राजपक्षे, आज दे सकते हैं इस्तीफा श्रीलंका
    मालदीव जाने वाले यात्रियों को प्राइवेट जेट का अनुभव प्रदान करेगी ये एयरलाइन, लाखों होगा किराया लाइफस्टाइल
    माले-बेंगलुरू इंडिगो फ्लाइट में एयर होस्टेस से छेड़छाड़, मालदीव का नागरिक गिरफ्तार इंडिगो
    #NewsBytesExplainer: भारत और चीन के लिए क्यों अहम है मालदीव का राष्ट्रपति चुनाव? चीन समाचार

    #NewsBytesExplainer

    #NewsBytesExplainer: बॉलीवुड में फिर जोर पकड़ रहा मल्टीस्टारर फिल्मों का चलन, कब शुरू हुआ ये सिलसिला? बॉलीवुड समाचार
    #NewsBytesExplainer: क्या है NATO, जिससे टकराव को लेकर पुतिन ने तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी दी?  रूस समाचार
    क्या है सांप के जहर से जुड़ा पूरा मामला, जिसमें फंसे एल्विश यादव? एल्विश यादव
    #NewsBytesExplainer: लद्दाख में अनशन पर क्यों बैठे हुए हैं सोनम वांगचुक और क्या हैं उनकी मांगें? लद्दाख
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025