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अफगानिस्तान में क्यों आते रहते हैं विनाशकारी भूकंप? जानिए इसके पीछे के प्रमुख कारण
अफगानिस्तान भूकंप के प्रति अत्यधिक संवेदनशील देश है

अफगानिस्तान में क्यों आते रहते हैं विनाशकारी भूकंप? जानिए इसके पीछे के प्रमुख कारण

Nov 03, 2025
02:59 pm

क्या है खबर?

अफगानिस्तान एक बार फिर तेज भूकंप के तेज झटकों से दहल गया। सोमवार तड़के आए 6.3 की तीव्रता वाले भूकंप के कारण देश में अब तक 20 लोगों की मौत हो गई, जबकि 320 अधिक लोग घायल हो गए। अफगानिस्तान में यह शक्तिशाली भूकंप कुछ ही महीने पहले आए एक और भूकंप के बाद आया है जिसमें हजारों लोगों की मौत हो गई थी। ऐसे में आइए जानते हैं आखिर अफगानिस्तान भूकंप के प्रति इतना संवेदनशील क्यों है।

भूकंप

कहां था भूकंप का केंद्र?

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, भूकंप सबसे बड़े शहर बल्ख प्रांत की राजधानी मजार-ए-शरीफ के पास 22 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण में 28 किलोमीटर की गहराई पर आया था। इस शहर की आबादी लगभग 5.23 लाख है। शुरुआत में 5 लोगों की मौत की बात कही गई थी, लेकिन AFP के ताजा आंकड़ों के अनुसार, मृतकों की संख्या 20 से अधिक हो सकती है, जबकि घायलों का आंकड़ा भी बढ़ सकता है।

सवाल

सबसे पहले जानिए कि आते ही क्यों हैं भूकंप

धरती के नीचे मौजूद टेक्टॉनिक प्लेटों में हलचल के कारण भूकंप आते हैं। इसके अलावा ज्वालामुखी फटने और परमाणु हथियारों की टेस्टिंग भी भूकंप ला सकती है। भूकंप की तीव्रता को रिक्टर स्केल पर मापा जाता है और इसका अंदाजा भूकंप के केंद्र से निकलने वाली तरंगों से लगता है। भूकंप का केंद्र सतह से जितना नीचे होगा, तबाही भी उतनी ही कम होगी। दुनिया के कई क्षेत्र संवेदनशील हिस्से में पड़ते हैं और वहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं।

कारण

अफगानिस्तान में बार-बार क्यों आते हैं भूकंप?

USGS के मुताबिक, हिमालयी क्षेत्र भूकंप के लिहाज से अतिसंवेदनशील है और यह अफगानिस्तान की हिंदू कुश पहाड़ियों से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैला हुआ है। अफगानिस्तान में अधिक भूकंप आने के पीछे का कारण है कि यह देश कई 'फॉल्ट लाइन' के शीर्ष पर स्थित है। फॉल्ट लाइन का आशय उस हिमालयी क्षेत्र से है, जहां भारतीय और यूरेशियाई टेक्टॉनिक प्लेटें आपस में जुड़ी हैं, जिनमें हलचल होने के कारण अक्सर भूकंप आते रहते हैं।

इतिहास

अफगानिस्तान में 125 सालों में 7 से अधिक की तीव्रता के 12 भूकंप आए

ब्रिटिश भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के भूकंप विज्ञानी ब्रायन बैप्टी का कहना है कि साल 1900 से अब तक उत्तर-पूर्वी अफगानिस्तान में 7 से अधिक की तीव्रता वाले 12 भूकंप आ चुके हैं। इनमें में 12,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को भी झटका दिया है। सोमवार के भूकंप से पहले 31 अगस्त को 6 की तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिससे पूर्वी कुनार और नांगरहार प्रांतों में हजारों लोगों की मौत हो गई थी।

भूकंप

अक्टूबर 2023 में भूकंप से हुई थी 2,445 लोगों की मौत

अक्टूबर 2023 में हेरात प्रांत में तीन भूकंप आए थे। 7 अक्टूबर को हेरात प्रांत में 6.3 तीव्रता, 11 अक्टूबर को 6.3 तीव्रता और 15 अक्टूबर को 6.4 तीव्रता के तीन शक्तिशाली भूकंप दर्ज किए गए थे। ब्रिटिश रेड क्रॉस सोसाइटी के अनुसार, उन भूकंपों में 2,445 लोगों की मौत हुई थी। उसी वर्ष मार्च में भी पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सीमा के निकट उत्तरपूर्वी प्रांत बदख्शां में 6.5 तीव्रता का भूकंप आया था।

नुकसान

अफगानिस्तान और कब-कब आए विनाशकारी भूकंप? 

साल 2015 में अफगानिस्तान और हिंदू कुश क्षेत्र में 7.5 तीव्रता वाले भूकंप में 399 लोग मारे गए। यह भूकंप 1,400 किलोमीटर दूर चीन के शिनजियांग प्रांत तक महसूस किया गया था। इससे पहले मार्च 2002 में अफगानिस्तान में लगातार दो भूकंपों से 1,100 से अधिक लोग मारे गए थे, जबकि मई, 1998 में उत्तरी अफगानिस्तान के तखर और बदख्शां प्रांतों में आये भूकंप में लगभग 4,000 लोग की मौत हो गई थी।

खतरा

अफगानिस्तान में आए भूकंपों से भारत को कितना खतरा?

हिंदू कुश की पहाड़ियों में आए भूकंप के झटके कई बार उत्तरी भारत के कई इलाकों में महसूस किए जाते हैं। भू-वैज्ञानिकों का कहना है कि अफगानिस्तान में आए 6 से अधिक तीव्रता के भूकंपों से भारत में ज्यादा नुकसान होने की संभावना कम है। साल 2023 में इसी तरह का 6.1 तीव्रता का भूकंप हिंदू कुश की पहाड़ियों के बहुत करीब आया था, जिसे पाकिस्तान समेत उत्तरी भारत के अधिकांश हिस्सों में महसूस किया गया था।