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डोनाल्ड ट्रंप का दावा- पाकिस्तान कर रहा परमाणु हथियारों का परीक्षण
डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण का दावा किया

डोनाल्ड ट्रंप का दावा- पाकिस्तान कर रहा परमाणु हथियारों का परीक्षण

लेखन गजेंद्र
Nov 03, 2025
01:27 pm

क्या है खबर?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि पाकिस्तान उन देशों में शामिल है जो परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहा है। उनका यह बयान अमेरिका द्वारा शुरू किए गए परमाणु हथियारों के परीक्षण शुरू करने के बीच आया है। अमेरिका ने रूस और चीन के खिलाफ परीक्षण शुरू किया है। उन्होंने कहा था कि रूस, चीन, उत्तर कोरिया और पाकिस्तान सहित कई देश परमाणु परीक्षण कर रहे हैं, इसलिए अमेरिका भी ऐसा कर रहा है।

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क्या बोले ट्रंप?

CBS न्यूज के साथ साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा, "रूस और चीन परीक्षण कर रहे हैं, लेकिन वे इसके बारे में बात नहीं करते। हम एक खुले हुए देश हैं। हम अलग हैं। हम इसके बारे में बात करते हैं। हमें इसके बारे में बात करनी ही होगी, क्योंकि अन्यथा आप लोग रिपोर्ट करेंगे। हम परीक्षण करने जा रहे हैं क्योंकि वे परीक्षण करते हैं। निश्चित रूप से उत्तर कोरिया परीक्षण कर रहा है। पाकिस्तान भी परीक्षण कर रहा है।"

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जमीन के नीचे हो रहा परीक्षण- ट्रंप

ट्रम्प ने दावा है कि किया कि अमेरिका को यह नहीं पता है कि कि परमाणु हथियारों का परीक्षण करने वाले ये देश कहां परीक्षण कर रहे हैं, लेकिन परीक्षण किया जा रहा है। उन्होंने कहा, "वे जमीन के नीचे परीक्षण करते हैं जहां लोगों को ठीक से पता नहीं होता कि परीक्षण में क्या हो रहा है। आपको एक कंपन सा महसूस होता है। इसलिए हमें परीक्षण करना ही पड़ता है।"

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किस देश के पास सबसे अधिक परमाणु हथियार?

हर देश अपने परमाणु हथियारों की सही संख्या नहीं बताता है। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स (FAS) के अनुसार, रूस के पास कुल 5,459 और अमेरिका के पास 5,177 परमाणु हथियार हैं। अमेरिका स्थित आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन (ACA) के अनुसार, अमेरिका के पास 5,225 और रूस के पास 5,580 परमाणु हथियार हैं। FAS के अनुसार, चीन के पास 600, फ्रांस 290, ब्रिटेन 225, भारत 180, पाकिस्तान 170, इजरायल 90 और उत्तर कोरिया के पास 50 परमाणु हथियार हैं।

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अमेरिका 30 साल बाद फिर से शुरू करेगा परमाणु परीक्षण

हाल ही में ट्रंप ने घोषणा की थी कि अमेरिका एक बार फिर परमाणु हथियारों का परीक्षण शुरू करेगा। उन्होंने इस परीक्षण के पीछे रूस और चीन की कार्रवाईयों का हवाला दिया था। उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात से पहले यह घोषणा की थी। अमेरिका अगर परमाणु परीक्षण करता है तो यह 1992 के बाद पहली बार होगा। अमेरिका ने तब से परीक्षण पर स्वैच्छिक रोक लगाई थी।

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