WHO ने ओमिक्रॉन वेरिएंट को बताया बहुत बड़ा खतरा, कहा- गंभीर हो सकते हैं परिणाम
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर चेतावनी जारी की है। संगठन ने कहा कि इस वेरिएंट से वैश्विक स्तर पर बहुत अधिक खतरा है और इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। अपने एक टेक्निकल नोट में WHO ने लिखा है, "अगर ओमिक्रॉन के कारण कोविड-19 की एक और लहर आती है तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं... हालांकि अभी तक ओमिक्रॉन से किसी की मौत नहीं हुई है।"
ओमिक्रॉन से पुनः संक्रमण का खतरा ज्यादा- WHO
इससे पहले रविवार को बयान जारी करते हुए WHO ने कहा था कि शुरुआती सबूत संकेत देते हैं कि ओमिक्रॉन से पुनः संक्रमण का खतरा ज्यादा है। इसका मतलब जो लोग पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वे भी ओमिक्रॉन से संक्रमित हो सकते हैं। संगठन ने कहा था कि इस वेरिएंट के अधिक संक्रामक और घातक होने के अभी पर्याप्त सबूत नहीं हैं और इस दिशा में अध्ययन की जरूरत है।
क्या है ओमिक्रॉन वेरिएंट और इसे खतरनाक क्यों माना जा रहा है?
दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग और बोत्सवाना समेत कई देशों में मिल चुके ओमिक्रॉन वेरिएंट का वैज्ञानिक नाम B.1.1.529 है और इसकी स्पाइक प्रोटीन में 32 म्यूटेशन हैं। विशेषज्ञों का कहना है यह वेरिएंट वायरस के अन्य वेरिएंटों की तुलना में अधिक संक्रामक और खतरनाक हो सकता है। इस वेरिएंट के अब तक 100 से अधिक मामले आ चुके हैं। WHO ने इसे 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' करार दिया है और कई देश इस ऐलान के बाद यात्रा प्रतिबंध लागू कर चुके हैं।
कितनी प्रभावी हैं वैक्सीन और दवाएं?
WHO ने कहा है कि मौजूदा वैक्सीनें ओमिक्रॉन के खिलाफ कितनी प्रभावी हैं, इसकी जांच की जा रही है। उसने कहा है कि वैक्सीनें अभी तक के सभी वेरिएंट्स के खिलाफ प्रभावी पाई गई हैं। उपचार के बारे में WHO ने कहा है कि कोर्टिकोस्टेरॉयड और IL6 रिसेप्टर ब्लॉकर्स आदि ओमिक्रॉन पर भी प्रभावी होंगे। अन्य दवाओं की समीक्षा की जाएगी। WHO के अनुसार, RT-PCR टेस्ट अन्य वेरिएंट्स की तरह ओमिक्रॉन को भी प्रभावी तरीके से पकड़ सकता है।
दक्षिण अफ्रीका में तेजी से फैल रहा है ओमिक्रॉन
बता दें कि दक्षिण अफ्रीका के जो इलाके ओमिक्रॉन वेरिएंट से प्रभावित हैं, वहां पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है, लेकिन ये ओमिक्रॉन की वजह से हुआ है या अन्य किसी वजह से, ये समझने के लिए स्टडी की जा रही है। दक्षिण अफ्रीका में अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या बढ़ने की बात भी सामने आई है, लेकिन ये संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि के कारण भी हो सकता है।