अमेरिका ने बदला फैसला, 9/11 हमले के साजिशकर्ताओं के साथ रद्द किया याचिका समझौता
अमेरिकी सरकार ने 9/11 आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ता खालिद शेख मोहम्मद सहित 3 आरोपियों के साथ किए गए याचिका समझौते के रद्द करने का फैसला किया है। इस समझौते में खालिद शेख और उसके साथी वालिद मुहम्मद सलीह मुबारक बिन अताश और मुस्तफा अहमद आदम अल-हौसावी को गुनाह स्वीकार करने पर मृत्युदंड की सजा को उम्रकैद में बदलने की बात कही गई थी। उसके बाद तीनों आतंकियों ने दो दिन पहले ही अपना अपराध स्वीकार किया था।
अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने रद्द किया समझौता
एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने समझौता करने वाली पेंटागन के ग्वांतानामो युद्ध न्यायालय की प्रभारी सुजेन एस्कलियर को जिम्मेदारी से मुक्त करते हुए खुद यह जिम्मेदारी ले ली। उन्होंने समझौता याचिका को रद्द करते हुए कहा, "मैं अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से तीनों आतंकियों से किए गए याचिका समझौते से पीछे हट रहा हूं।" बता दें कि इस याचिका सौदे की कई रिपब्लिकन विधायकों ने तीखी आलोचना की थी।
कौन हैं तीनों आरोपी?
मोहम्मद को मार्च, 2003 में पाकिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। उसे ओसामा बिन लादेन का भरोसेमंद आदमी माना जाता था। बिन अताश मूलत: यमन का है और सऊदी अरब का नागरिक है। आरोप है कि उसने हमलों को अंजाम देने वाले 2 अपहरणकर्ताओं को प्रशिक्षित किया था। हौसावी पर 9/11 हमलों के लिए वित्तीय प्रबंध करने का संदेह है। उसे 1 मार्च, 2003 को पाकिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। इस हमले में 3,000 लोगों की मौत हुई थी।
अमेरिका ने क्यों किया था समझौता?
अमेरिका ने कहा था कि आरोपियों ने 183 बार उन्नत पूछताछ तकनीकों के इस्तेमाल के बाद भी गुनाह कबूल नहीं किया। इसके चलते निष्पक्ष मुकदमे पर भी संदेह हो रहा था। ऐसे में उसने समझौते के तहत अपराध स्वीकार किए जाने का रास्ता अपनाया है।