
अमेरिका: कोर्ट ने ट्रंप के टैरिफ पर रोक लगाई, सरकार ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष का किया जिक्र
क्या है खबर?
अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय व्यापार कोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका देते हुए उनके 'लिब्रेशन डे' टैरिफ पर रोक लगा दी।
मैनहट्टन स्थित कोर्ट ने कहा कि अमेरिका का अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (IEEPA) राष्ट्रपति को हर देश पर टैरिफ लगाने का एकतरफा अधिकार नहीं देता है।
कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रपति ने उन देशों पर टैरिफ लगाकर अपने अधिकारों का अतिक्रमण किया है, जो अमेरिका का माल खरीदते कम और बेचते अधिक हैं।
फैसला
चीन, मैक्सिको और कनाडा के अलग-अलग टैरिफ पर भी रोक
तीन न्यायाधीशों के पैनल ने कहा कि अमेरिका का संविधान अन्य देशों के साथ व्यापार को विनियमित करने का विशेष अधिकार देता है और यह विशेष अधिकार राष्ट्रपति की आपातकालीन शक्तियों से प्रभावित नहीं होता।
कोर्ट ने चीन, मैक्सिको और कनाडा पर लगाए गए अलग-अलग टैरिफ पर रोक लगाते हुए कहा कि टैरिफ संघीय कानून के मुताबिक नहीं है।
न्यायाधीशों ने ट्रंप प्रशासन को आदेश दिया कि 10 दिन में स्थायी निषेधाज्ञा को दर्शाते हुए नया आदेश जारी किया जाए।
तर्क
कोर्ट ने ट्रंप सरकार के तर्कों को खारिज किया
ट्रंप प्रशासन ने कोर्ट से टैरिफ को बरकरार रखने के लिए कई तर्क दिए, जिसे खारिज कर दिया गया।
प्रशासन ने बताया कि कोर्ट का आदेश चीन के साथ "असमान" व्यापार संघर्ष की दिशा बदल सकता है और भारत-पाकिस्तान संघर्ष फिर शुरू कर सकता है।
प्रशासन ने कहा कि ट्रंप ने मई में भारत-पाकिस्तान युद्धविराम के लिए अपनी टैरिफ शक्ति का इस्तेमाल किया और कहा कि कई देशों के साथ टैरिफ के संबंध में व्यापार वार्ता "नाजुक स्थिति" में है।
बयान
ट्रंप प्रशासन ने कोर्ट के आदेश पर क्या कहा?
फैसला आने के कुछ समय बाद ही ट्रंप प्रशासन ने अपील दायर की है।
व्हाइट हाउस के उप प्रेस सचिव कुश देसाई ने कहा कि किसी राष्ट्रीय आपातकाल से उचित तरीके से निपटने का निर्णय करना अनिर्वाचित न्यायाधीशों का काम नहीं।
उन्होंने कहा कि ट्रंप ने अमेरिका को सर्वप्रथम रखने का संकल्प लिया है और प्रशासन इस संकट से निपटने और अमेरिकी महानता को बहाल करने के लिए कार्यकारी शक्ति के हर स्तर का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुकदमा
किसने दायर किया था मुकदमा?
व्यापार कोर्ट में टैरिफ के खिलाफ मुकदमा गैर-पक्षपाती लिबर्टी जस्टिस सेंटर द्वारा पांच छोटे व्यवसायों की ओर से दायर किया गया था। ये सेंटर टैरिफ के अंतर्गत आने वाले देशों से माल आयात करते हैं।
इस मुकदमे को ट्रंप के "लिबरेशन डे" टैरिफ के लिए पहली बड़ी कानूनी चुनौती बताई जा रही है। कोर्ट के फैसले का न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल ने स्वागत किया है।
बता दें कि फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की जा सकती है।
जानकारी
क्या है अमेरिका का अंतरराष्ट्रीय व्यापार कोर्ट?
मैनहट्टन स्थित अंतरराष्ट्रीय व्यापार कोर्ट, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और सीमा शुल्क कानूनों से संबंधित विवादों की सुनवाई करता है। इसके फैसलों को वाशिंगटन डीसी स्थित संघीय सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय और अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।