अमेरिका ने चीन को वाणिज्य दूतावास खाली करने को कहा, आग के हवाले हुए दस्तावेज
अमेरिका और चीन के बीच बीते कुछ समय से कोरोना वायरस समेत कई मुद्दों को लेकर तनातनी चल रही है। इस बीच खबरें आई कि अमेरिका ने चीन को ह्यूस्टन स्थित वाणिज्य दूतावास को खाली करने के लिए 72 घंटे का समय दिया है। इसके बाद चीनी वाणिज्य दूतावास के परिसर में कई दस्तावेजों को आग लगा दी गई। सामने आए वीडियो में देखा जा सकता है कि एक खाली कंटेनर में आग जल रही है।
फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को नहीं मिली मौके पर पहुंचने की इजाजत
स्थानीय मीडिया के अनुसार, पुलिस को रात लगभग आठ बजे (स्थानीय समय) चीनी वाणिज्य दूतावास के परिसर में आग लगने की खबरें मिली। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एक खाली कंटेनर में दस्तावेजों को रखकर उनमें आग लगाई गई थी। चीन के वाणिज्य दूतावास के परिसर को 'चीनी क्षेत्र' माना जाता है। खबर लिखे जाने तक आग बुझाने वाली गाड़ियां मौके पर पहुंचने के लिए इजाजत नही दी गई थी। इसके लिए उन्हें विशेष अनुमति की जरूरत होती है।
दूर से स्थिति पर नजर रख रहे अमेरिकी अधिकारी
मीडिया से बात करते हुए एक अधिकारी ने कहा, "चीनी परिसर के गलियारे से धुआं उठता हुआ दिख रहा है। यह ऐसी आग नहीं है, जिस पर काबू नहीं पाया जा सके, लेकिन हमें अंदर जाने की इजाजत नहीं मिली है। हम यहां से हालात पर नजर रख रहे हैं।" इससे पहले चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के संपादक हु शिजिन ने कहा था कि अमेरिका ने दूतावास खाली करने के लिए 72 घंटे का समय दिया है।
यहां देखिये घटना का वीडियो
चीन से खासे नाराज हैं डोनाल्ड ट्रंप
पिछले कुछ दिनों में अमेरिका चीन को लेकर खासा हमलावर दिखा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सीधे शब्दों में चीन को निशाना बना रहे हैं। वो कोरोना वायरस को संभालने में विफल रहने के कारण चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनकी सरकार से काफी नाराज हैं। वो चीन पर समय रहते हुए सूचना न देने के भी आरोप लगा चुके हैं। गौरतलब है कि चीन से शुरू हुआ कोरोना वायरस अमेरिका के लिए घातक सिद्ध हुआ है।
कोरोना को रोक सकता था चीन, लेकिन नहीं रोका- ट्रंप
हाल ही में ट्रंप ने एक बार फिर कोरोना वायरस को लेकर चीन पर निशाना साधा था। उन्होंने फिर दोहराया कि कोरोना वायरस चीन से निकला है और अगर यह चाहता तो इसे रोक सकता था, लेकिन इसने ऐसा नहीं किया। ट्रंप ने कहा, "उन्होंने इसे चीन में फैलने से रोक लिया, लेकिन बाकी दुनिया में जाने से नहीं रोका। उन्होंने इसे यूरोप जाने और अमेरिका में आने से नहीं रोका।"