डोनाल्ड ट्रंप ने जेडी वेंस को चुना उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार, भारत से क्या है संबंध?
क्या है खबर?
अमेरिका में 5 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने ओहायो के रिपब्लिकन सीनेटर जेडी वेंस को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुना है।
अगर चुनाव में ट्रंप को जीत मिलती है तो वेंस ही देश के अगले उपराष्ट्रपति होंगे।
श्वेत श्रमिकों की समस्याओं पर सबसे अधिक बिकने वाले संस्मरण 'हिलबिली एलीगी' के लेखक वेंस का भारत से गहरा संबंध है।
आइए उसके बारे में जानते हैं।
शादी
वेंस ने भारतीय मूल की उषा चिलुकुरी से की है शादी
दरअसल, 39 वर्षीय वेंस की शादी भारतीय मूल की अमेरिकी उषा चिलुकुरी से हुई है। वह आंध्र प्रदेश की मूल निवासी है।
शादी के बाद भी वह हिन्दू धर्म का ही पालन करती हैं, जबकि उनके पति वेंस रोमन कैथलिक हैं।
वह अपने पूरे राजनीतिक करियर और सामुदायिक पहल के दौरान वेंस के साथ रही हैं। हाल ही में उन्होंने एक ट्रायल कोर्ट वकील और एक न्यायिक क्लर्क के रूप में कंपनी से इस्तीफा दे दिया है।
करियर
कैसा रहा है उषा का करियर?
कैलिफोर्निया के एक उपनगर सैन डिएगो में शिक्षा और कड़ी मेहनत पर जोर देने वाली उषा की करियर उपलब्धियों में येल जर्नल ऑफ लॉ एंड टेक्नोलॉजी के प्रबंध संपादक और टॉल्स और ओल्सन लॉ फर्म येल लॉ जर्नल की कार्यकारी विकास संपादक के रूप में कार्य करना शामिल है।
उषा ने कॉलेज शिक्षा पूरी करने के बाद येल लॉ स्कूल से कानून की डिग्री ली और फिर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर भी किया।
मुलाकात
उषा की येल लॉ स्कूल में हुई थी वेंस से मुलाकात
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, उषा और वेंस की पहली मुलाकात येल लॉ स्कूल में हुई थी।
इसके बाद साल 2014 में दोनों ने केंटकी में हिंदू रीति से विवाह कर लिया था। दोनों का विवाह भी एक एक हिंदू पुजारी ने ही अनुष्ठान के साथ कराया था।
अब दंपति के तीन बच्चे हैं। इनमें 2 बेटों का नाम इवान और विवेक है, जबकि बेटी का नाम मिराबेल है। वर्तमान में उषा हर कार्य में येंस की सहयोगी है।
श्रेय
वेंस ने उषा को बताया अपनी सफलता का महत्वपूर्ण हिस्सा
ओहियो सीनेटर के रूप में काम रहे वेंस ने पत्नी उषा को अपनी सफलता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया है।
उन्होंने कहा कि उषा की सहयोग की भावना ने ही उन्हें स्नातक की डिग्री के साथ सुमा कम लाउड की उपाधि भी दिलाई थी।
वेंस ने 2016 में प्रकाशित अपने संस्मरण 'हिलबिली एलीगी' में भी उषा को 'येल स्पिरिट इड' के रूप में वर्णित किया है। जिसमें बताया है कॉलेज के दिनों में उषा ने कैसे उनकी मदद की।
प्रोत्साहन
वेंस ने की उषा के सहयोग और प्रोत्साहन की सराहना
वेंस ने अपने संस्मरण में लिखा है, 'उषा सहज रूप से उन सवालों को समझती थी जिन्हें मैं पूछना भी नहीं जानता था। और वह हमेशा मुझे ऐसे अवसरों की तलाश करने के लिए प्रोत्साहित करती थी जिनके बारे में मुझे नहीं पता था।'
उषा ने 2015 में लॉस एंजिल्स, सैन फ्रांसिस्को और वाशिंगटन में कार्यालयों वाली एक कानूनी फर्म में एक सहयोगी के रूप में शुरुआत की थी। उन्होंने क्लर्कशिप के बीच फर्म में काम करना जारी रखा था।