थाईलैंड और कंबोडिया के बीच हुआ युद्धविराम, दोनों देशों ने सहमति से रोकी जंग
क्या है खबर?
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच कुछ दिनों से जारी युद्ध थम गया है। दोनों देशों ने औपचारिक रूप से युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। यह समझौता थाईलैंड के चांथाबुरी प्रांत में एक सीमा चौकी पर थाई रक्षा मंत्री नत्थापोन नाकपानिच और कंबोडिया के उप प्रधानमंत्री एवं रक्षा मंत्री टी सिया की मौजूदगी में हुआ। समझौते के मुताबिक, 27 दिसंबर की दोपहर 12 बजे (स्थानीय समयानुसार) से दोनों देशों में युद्धविराम लागू हो गया है।
समझौता
तत्काल लागू हुआ युद्धविराम
कंबोडियाई पक्ष द्वारा जारी किए गए देशों की विशेष सामान्य सीमा समिति के बयान में कहा है, "दोनों पक्ष इस संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर के समय के बाद 27 दिसंबर की दोपहर 12:00 बजे से तत्काल युद्धविराम के लिए सहमत हैं। इसमें सभी प्रकार के हथियारों से संबंधित हमले शामिल हैं, जिनमें नागरिकों, नागरिक वस्तुओं और बुनियादी ढांचे पर हमले और सभी मामलों और सभी पक्षों में दोनों देशों के सैन्य उद्देश्यों पर हमले शामिल हैं।"
युद्धविराम
20 दिन पहले टूटा था युद्धविराम
इससे पहले दोनों देशों में जुलाई में भी इसी तरह का समझौता हुआ था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मलेशिया की मध्यस्थता से हुए इस समझौते को अक्टूबर में मजबूत किया गया था। हालांकि, इस महीने की शुरुआत में फिर से झड़पें शुरू हो गईं, जिससे पिछला समझौता टूट गया था। थाइलैंड ने हवाई हमले किए, जिसके जवाब में कंबोडिया ने रॉकेट और तोप के गोले दागे। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर युद्धविराम उल्लंघन का आरोप लगाया था।
टाइमलाइन
समझौते को लेकर कब-क्या हुआ?
22 दिसंबर को आसियान देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी। इसमें दोनों देश 24 दिसंबर से वार्ता शुरू करने पर सहमत हुए। 24 से 26 दिसंबर तक सामान्य सीमा समिति (GBC) की बैठकें थाइलैंड के चांथाबुरी प्रांत में हुईं। इसके बाद 27 दिसंबर को रक्षा मंत्री स्तर पर हस्ताक्षर होकर युद्धविराम लागू हुआ। इस समझौते में सैनिकों की मौजूदा स्थिति बनाए रखने, नई तैनाती नहीं करने और नागरिकों की जल्द घर वापसी की बात है।
विवाद
दोनों देशों में क्या है विवाद?
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच 19वीं सदी से 817 किलोमीटर लंबे भूमि सीमा पर विभिन्न अनिर्धारित बिंदुओं पर संप्रभुता को लेकर विवाद चल रहा है। दोनों देश प्रियह विहार मंदिर और इसके आसपास के क्षेत्र, ता मुअन थॉम, ता मुअन तोच, और ता क्रबेई जैसे अन्य प्राचीन मंदिर और एमराल्ड ट्रायंगल को लेकर झगड़ रहे हैं। मई में विवाद सशस्त्र झड़प में बदल गया, जिसमें कंबोडियाई सैनिक की मौत हुई थी। जुलाई में फिर गोलीबारी के बाद युद्ध छिड़ गया।