चीन से मुकाबले की तैयारी में जुटा ताइवान, रक्षा खर्च 40 अरब डॉलर तक बढ़ाएगा
क्या है खबर?
चीन के बढ़ते सैन्य दबाव को देखते हुए ताइवान भी तैयारी में जुट गया है। उसने अपना रक्षा खर्च 40 अरब डॉलर (करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये) तक बढ़ाने की योजना बनाई है। ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने कहा कि देश चीन से बढ़ते खतरे का सामना करने के लिए अपनी रक्षा के दृढ़ संकल्प को रेखांकित कर 40 अरब डॉलर का पूरक रक्षा बजट पेश करेगा। उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने की कोई गुंजाइश नहीं है।"
रक्षा
राष्ट्रीय संप्रभुता और स्वतंत्रता हमारे राष्ट्र की नींव- लाई
राष्ट्रपति लाई ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि राष्ट्रीय संप्रभुता, स्वतंत्रता और लोकतंत्र के मूल मूल्य हमारे राष्ट्र की नींव हैं। उन्होंने कहा कि यह लोकतांत्रिक ताइवान की रक्षा करने और 'चीन का ताइवान' बनने से इनकार करने के बीच का संघर्ष है, न कि केवल वैचारिक संघर्ष या 'एकीकरण बनाम स्वतंत्रता' का विवाद। ताइवान के रक्षा मंत्री वेलिंगटन कू ने कहा कि 2026-2033 के बजट में मिसाइलों और ड्रोन के साथ-साथ नई 'टी-डोम' वायु रक्षा प्रणाली भी शामिल होगी।
लेख
चीन ने किया विरोध
इससे पहले राष्ट्रपति लाई ने अमेरिकी वाशिंगटन पोस्ट अखबार में एक लेख लिखकर ताइवान की रक्षा के प्रति अपने पक्के इरादे को जाहिर किया था। ताइवान के फैसले पर ताइपे में अमेरिकी राजदूत रेमंड ग्रीन ने फेसबुक पर लिखा कि अमेरिका ताइवान की असममित क्षमताओं के तीव्र अधिग्रहण का समर्थन करता है। बीजिंग में प्रवक्ता पेंग किंगेन ने कहा कि ताइवान इस फैसले से आपदा की ओर जाएगा, वह बाहरी ताकतों को अपने निर्णय लेने की अनुमति दे रहा है।
बजट
GDP का 3.32 प्रतिशत होगा रक्षा बजट
ताइवान सरकार की योजना है कि 2026 के लिए रक्षा खर्च 30.3 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा, जो सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 3.32 प्रतिशत होगा। यह 2009 के बाद पहली बार 3 प्रतिशत सीमा को पार करेगा। लाई ने अगस्त में कहा था कि वह रक्षा खर्च 2030 तक GDP के 5 प्रतिशत तक लाना चाहते हैं और अब उन्होंने 39.89 अरब डॉलर की घोषणा की है। ताइवान की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी खर्च में वृद्धि के खिलाफ है।