दक्षिण कोरिया: सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, समलैंगिक जोड़ों को मिलेगा राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा का लाभ
दक्षिण कोरिया की सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए समलैंगिक जोड़ों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा के दरवाजे खोल दिए। रॉयटर्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वैवाहिक लाभ के अंतर्गत समलैंगिक साथी भी स्वास्थ्य बीमा का लाभ पाने के हकदार हैं, समलैंगिक जोड़ों के लिए वैवाहिक बीमा कवरेज को मान्यता देनी चाहिए। फैसले के बाद समान लिंग के जोड़े अब अपने साथी के स्वास्थ्य बीमा पर आश्रित के रूप में पंजीकृत हो सकते हैं।
कोर्ट ने बताया भेदभाव
कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि केवल समान लिंग के होने के कारण युगल को बीमा योजना के लाभ से बाहर करना यौन अभिविन्यास के आधार पर भेदभाव है। कोर्ट ने कहा कि यह एक भेदभावपूर्ण कृत्य है जो मानव गरिमा, मूल्यों, खुशी के अधिकार, गोपनीयता की स्वतंत्रता और कानून के समक्ष समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है, जो गंभीर है। कोर्ट ने कहा कि बीमा योजना अधिनियम में समलैंगिक विवाह के बारे में कोई उल्लेख नहीं है।
2021 से लड़ रहा था समलैंगिक जोड़ा
समलैंगिक जोड़ा सो सियोंग-वुक और किम योंग-मिन ने 2019 में विवाह किया था। हालांकि, दक्षिण कोरिया में समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं है। सो ने 2021 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा सेवा (NHIS) पर मुकदमा दायर किया था, जिसने समलैंगिकता की जानकारी मिलने पर उसके साथी किम को बीमा के आश्रित से हटा दिया था। पिछले साल सियोल हाई कोर्ट ने NHIS को सेवा बहाल करने का आदेश दिया था, लेकिन NHIS फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई थी।