कई एशियाई देशों में प्रजनन दर एक से नीचे पहुंची, आबादी पर बूढ़ी होने का खतरा
क्या है खबर?
पूर्वी और दक्षिण-पूर्व एशिया के कई देश हर साल गिरती कुल प्रजनन दर (TFR) और कम बच्चों के कम जन्म के चलते जनसंख्या संकट का सामना कर रहे हैं।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, हांगकांग और ताइवान में प्रजनन दर एक से नीचे चली गई है। इसका मतलब है कि यहां पर कई महिलाएं अपने जीवनकाल में केवल एक ही बच्चे को जन्म दे रही हैं और कई ने मां बनने का इरादा ही छोड़ दिया है।
TFR
4 देशों में TFR दर एक से नीचे पहुंची
रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में दक्षिण कोरिया में TFR 0.72 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया है। इसी तरह 2022 में हांगकांग में TFR 0.70 था। इन दोनों देशों में प्रजनन दर दुनिया में सबसे कम है।
सिंगापुर में TFR 0.97 और ताइवान में 0.87 पर है। बता दें कि TFR का मतलब है कि एक महिला अपने पूरे जीवनकाल में औसतन कितने बच्चों को जन्म दे रही है।
वजह
क्यों बच्चे पैदा नहीं कर रहीं महिलाएं?
कम बच्चे पैदा करने के पीछे इन देशों में जीवन यापन की बढ़ती लागत, बेरोजगारी, महंगाई, महंगी शिक्षा और कुछ हद तक सामाजिक ताने-बाने को माना जा रहा है।
थिंक टैंक ईस्ट-वेस्ट के अनुसार, प्रजनन दर में भारी गिरावट का कारण महिलाओं को करियर बनाने के अधिक अवसर मिलना, शादी की दर में गिरावट, बच्चे के पालन-पोषण की बढ़ती लागत और गर्भवती होने से महिलाओं की आय को होने वाला नुकसान भी है।
चिंता
गिरती प्रजनन दर से चिंतित हुए देश
दरअसल, कम प्रजनन दर से जनसंख्या में असंतुलन पैदा होता है, जिससे आबादी में बुजुर्ग लोगों की संख्या बढ़ जाती है और कामकाजी युवा आबादी कम हो जाती है।
2023 तक जापान में एक तिहाई आबादी 65 वर्ष से अधिक आयु की थी। 2030 की शुरुआत तक दक्षिण कोरिया और हांगकांग में 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की हिस्सेदारी बढ़कर 30 प्रतिशत हो जाएगी। इन आंकड़ों ने देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं।
सरकार
ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित कर रही सरकार
दक्षिण कोरिया की सरकार हर बच्चे के जन्म पर माता-पिता को 'बेबी पेमेंट' दे रही है। दक्षिण कोरिया में कार बनाने वाले कंपनी ह्युंडई ने अपने कर्मचारियों को हर बच्चे के जन्म पर करीब 3 लाख रुपये देने की घोषणा की है।
इसी तरह चीन ने शादी करने वाले युवाओं को टैक्स छूट, घर खरीदने पर सब्सिडी, अतिरिक्त वेतन और नकद राशि देने के प्रावधान किए हैं। सिंगापुर सरकार ने भी 'बेबी बोनस' का ऐलान किया है।
भारत
भारत में भी कम हो रही प्रजनन दर
1950 में भारत की TFR 6.18 थी, जो 1980 में कम होकर 4.6 और अब 1.91 पर आ गई है। ये अभी भी प्रतिस्थापन दर (2.1) से कम है। प्रतिस्थापन दर कम होने का मतलब है कि एक पीढ़ी खुद को प्रतिस्थापित करने के लिए पर्याप्त बच्चे पैदा नहीं कर रही है।
हाल ही में द लैंसेट ने कहा है कि 2050 तक भारत की TFR 1.29 पर आ सकती है।