
सऊदी अरब के 'स्लीपिंग प्रिंस' का 20 साल कोमा में रहने के बाद निधन
क्या है खबर?
पूरी दुनिया में 'स्लीपिंग प्रिंस' के नाम से मशहूर सऊदी अरब के शाही परिवार के सदस्य प्रिंस अल वलीद बिन खालिद बिन तलाल अल सऊद का रविवार को 20 साल तक कोमा में रहने के बाद निधन हो गया। वह एक दुखद दुर्घटना का शिकार होने के बाद से कोमा में चल रहे थे। यही कारण था कि उन्हें 'स्लीपिंग प्रिंस' के नाम से जाना जाता था। वैश्विक इमाम काउंसिल उनके निधन की जानकारी देते हुए शोक व्यक्त किया है।
पोस्ट
पिता खालिद बिन तलाल ने की भावुक पोस्ट
प्रिंस के पिता खालिद बिन तलाल ने एक भावुक पोस्ट करते हुए अपने बेटे की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने एक्स पर कुरान की एक आयत का हवाला देते हुए लिखा, 'अल्लाह की इच्छा और आदेश पर भरोसा रखने वाले दिलों के साथ और गहरे दुख और उदासी के साथ, हम अपने प्यारे बेटे प्रिंस अल वालिद के निधन पर शोक व्यक्त करते हैं। अल्लाह उन पर दया करे, जिनका आज निधन हो गया।'
बयान
इमाम काउंसिल ने क्या जारी किया बयान
इमाम काउंसिल ने अपने अधिकारिक बयान में संवेदना व्यक्त करते हुए लिखा, 'इस गंभीर अवसर पर हम शाही परिवार के दुःख को साझा करते हैं। हम उनके पिता, प्रिंस खालिद बिन तलाल और उनके परिवार द्वारा दिखाए गए धैर्य और दृढ़ता को गहरे सम्मान के साथ याद करते हैं। हम प्रार्थना करते हैं कि अल्लाह दिवंगत राजकुमार को अपनी असीम दया से ढंक ले, उन्हें जन्नत में स्थान दें और उनके परिवार और प्रियजनों को धैर्य और सांत्वना प्रदान करे।'
हादसा
15 साल की उम्र में हुआ था हादसा
गल्फ न्यूज के मुताबिक, 1990 में जन्मे प्रिंस अल वलीद परिवार के सबसे बड़े बेटे थे, जो एक प्रमुख सऊदी शाही और अरबपति प्रिंस अल वलीद बिन तलाल के भतीजे थे। साल 2005 में 15 वर्षीय अल वलीद लंदन में मिलिट्री कैडेट के तौर पर पढ़ाई कर रहे थे। उस दौरान हुए एक भयावह कार हादसे में उनके सिर में गंभीर चोटें आईं और बहुत खून बह गया। इससे उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ और वह कोमा में चले गए।
प्रयास
पिता ने किया भरसक प्रयास
पिछले 20 साल में प्रिंस अल वलीद ज्यादातर वक्त कोमा में रहे। हालांकि, कभी-कभी उनके हरकत करने से उम्मीद जगती रही। उनके पिता प्रिंस खालिद बिन तलाल ने वेंटिलेटर हटाने के सुझावों को सार्वजनिक रूप से ठुकरा दिया था। उन्होंने कभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी। प्रिंस का इलाज करने आए दुनियाभर के विशेषज्ञ डॉक्टर हार चुके थे, लेकिन उनके पिता का भरोसा इन 20 सालों में एक बार भी नहीं टूटा। वह हर साल बेटे का जन्मदिन भी मनाते थे।