भारत-मालदीव विवाद: राष्ट्रपति मुइज्जू चारों तरफ से घिरे, पद से हटाने का प्रस्ताव
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मालदीव के मंत्रियों की आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर विवाद जारी है।
मामले में विपक्षी सांसद ने राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को पद से हटाने का खुला प्रस्ताव दिया है।
इसके अलावा मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री मारिया अहमद दीदी ने कहा कि भारत के खिलाफ यह टिप्पणियां मौजूदा मालदीव सरकार की अदूरदर्शी सोच को दर्शाती हैं।
दूसरी ओर मालदीव के पर्यटन उद्योग संगठन (MATI) ने भी विवाद को लेकर एक बयान जारी किया है।
अविश्वास
विपक्षी सांसद ने कहा- विदेश नीति में स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद अली अजीम ने मुइज्जू सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने को कहा है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, 'हम द डेमोक्रेट देश की विदेश नीति में स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि किसी भी पड़ोसी देश को अलग-थलग नहीं किया जा सके।'
अजीम ने सवाल पूछा कि क्या पार्टी के नेता और पूर्व राष्ट्रपति इब्राहिम सोलिह मालदीव सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए तैयार हैं।
मालदीव
पूर्व रक्षा मंत्री ने भी मुइज्जू सरकार पर साधा निशाना
मालदीव की पूर्व रक्षा मंत्री दीदी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ऐसी टिप्पणियां मालदीव सरकार की 'अदूरदर्शिता' को दिखाती है।
उन्होंने कहा, "भारत हमारा एक विश्वसनीय सहयोगी रहा है, जो रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में हमें सहायता प्रदान करता आया है। भारत हमारे लिए '911 कॉल' है, जब हमें जरूरत होती है, हम कॉल करते हैं और भारत एक दोस्त की तरह हमारी मदद करता है। हमें ऐसे रिश्तों को बचाए रखने की पूरी कोशिश करनी चाहिए।"
निंदा
MATI ने की अपने मंत्रियों के बयानों की निंदा
मालदीव पर्यटन उद्योग संगठन यानी MATI ने भी विवाद को लेकर एक आधिकारिक बयान जारी किया है।
इसमें कहा गया है कि संगठन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मालदीव के कुछ उप मंत्रियों द्वारा भारत के प्रधानमंत्री और भारत के लोगों के खिलाफ दिए आपत्तिजनक बयानों की कड़े शब्दों में निंदा करता है।
उसने कहा कि मालदीव के पर्यटन उद्योग में भारत का अहम योगदान रहा है और उसकी कामना है कि दोनों देशों के रिश्ते सदियों तक कायम रहें।
विवाद
क्या है पूरा विवाद?
4 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी ने लक्षद्वीप यात्रा की कुछ तस्वीरें साझा की थीं और लोगों का यहां आने का न्योता दिया था।
इसके बाद मालदीव के 3 मंत्रियों ने प्रधानमंत्री मोदी और भारत पर आपत्तिजनक टिप्पणियां कर दी।
मालदीव सरकार ने मामले से पल्ला झाड़ते हुए इसे मंत्रियों का व्यक्तिगत राय बताया और उन्हें निलंबित कर दिया। भारत ने मालदीव से तीनों मंत्रियों को बर्खास्त करने की मांग की है।
कई भारतीय मालदीव का बहिष्कार कर रहे हैं।