नीदरलैंड: किंडरगार्टन से शुरू हुई प्रेम कहानी का अंत, शादी के 50 साल बाद इच्छामृत्यु चुनी
क्या है खबर?
नीदरलैंड में एक ऐसे विवाहित जोड़े की कहानी का अंत हो गया, जो किंडरगार्टन में मिले थे और 70 साल तक साथ रहने के बाद एक साथ प्राण त्याग दिए।
जेन फेबर (70) और उनकी पत्नी एल्स वैन लीनिंगन (71) ने शादी करने के बाद 50 साल तक साथ में जीवन बिताया। दोनों पहली बार किंडरगार्टन में मिले थे।
दोनों ने कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के कारण इच्छामृत्यु का विकल्प चुना था। उन्हें 3 जून को घातक दवाएं दी गई।
इच्छामृत्यु
कैसा रहा दोनों का जीवन?
BBC के मुताबिक, जेन और एल्स जब युवा थे, तो जेन ने नीदरलैंड की राष्ट्रीय युवा टीम के लिए हॉकी खेली और बाद में एक खेल प्रशिक्षक बन गए।
एल्स ने एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक के रूप में प्रशिक्षण लिया। दोनों को पानी, नावों और नौकायन के प्रति प्रेम था, जिसकी वजह से उनका अधिकांश जीवन मोटरहोम या नाव पर बिताया।
दोनों ने कार्गो बोट खरीदकर नीदरलैंड के अंतर्देशीय जलमार्गों के आसपास माल परिवहन का व्यवसाय शुरू किया था।
बीमारी
दंपति कैसे बढ़े इच्छामृत्यु की ओर?
जेन काफी समय तक कार्गो व्यवसाय से जुड़े रहे, जिससे उनको पीठ में दर्द शुरू हो गया। बाद में दोनों मोटरहोम पर रहने लगे।
जेन ने 2003 में पीठ की सर्जरी कराई, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। वह अपनी बीमारी से परेशान थे, लेकिन एल्स पढ़ाती रहीं। 2018 में उन्होंने रिटायरमेंट ली।
बाद में एल्स को मनोभ्रंश की बीमारी का पता चला, जो उनके लिए घातक बन रहा था। इसके बाद दोनों ने एक साथ इच्छामृत्यु चुनने का निर्णय लिया।
जानकारी
नीदरलैंड में आम है इच्छामृत्यु
नीदरलैंड में इच्छामृत्यु को डुओ-यूथेनेशिया के रूप में जानते हैं, जो कानूनी है। हर साल बड़ी संख्या में डच दंपति इसे चुनते हैं। सिर्फ 2023 में इच्छामृत्यु से 9,068 लोगों की मौत हुई, जो कुल मौतों का लगभग 5 प्रतिशत है। इसमें 66 युगल थे।