अमेरिका में 1 लाख से अधिक आश्रित भारतीयों पर मंडराया स्व-निर्वासन का खतरा, जानिए कारण
क्या है खबर?
अमेरिका में अवैध रूप से घुसे लोगों को निकाले जाने की कार्रवाई के बीच अब वहां रह रहे 1.34 लाख आश्रित भारतीयों पर भी स्व-निर्वासन का खतरा मंडरा रहा है।
इस साल 21 साल की उम्र पूरी करते ही उन्हें अमेरिका छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
दरअसल, ये लोग वहां रह रहे भारतीयों की बच्चे हैं और H-4 डिपेंडेंट वीजा के तहत वहां रह रहे हैं। इन लोगों को डॉक्यूमेंटेड ड्रीमर्स के नाम से जाना जाता है।
वीजा
क्या होता है H-4 डिपेंडेंट वीजा?
अमेरिकी आव्रजन नीति में प्रवासियों के बच्चों को साथ रखने के लिए H-4 डिपेंडेंट वीजा की सुविधा दी गई है। इसके तहत बच्चे 21 साल की तक परिजनों के साथ रह सकते हैं।
21 साल की उम्र के बाद उन्हें अलग वीजा हासिल करने के लिए 2 साल का समय दिया जाता है, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन में अब यह समय दिए जाने पर संशय खड़ा हो गया है।
इससे 1.34 लाख आश्रित भारतीय बेहद चिंतित हैं।
फैसला
कोर्ट ने DACA कार्यक्रम को घोषित किया गैरकानूनी
टेक्सास स्थित अमेरिकी संघीय अपीलीय कोर्ट ने हाल ही में एक निर्णय में बाल्यावस्था आगमन के लिए विलंबित कार्रवाई (DACA) कार्यक्रम को गैरकानूनी घोषित कर दिया है, जिससे लाखों युवा अप्रवासियों को चिंतित कर दिया है।
साल 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा प्रस्तुत DACA ने अमेरिका में बच्चों के रूप में आए अवैध अप्रवासियों को निर्वासन से बचने और दूसरी वीजा स्थिति में जाने के लिए 2 वर्ष की सुरक्षा गारंटी प्रदान की थी।
ड्रीमर्स
क्या है डॉक्यूमेंटेड ड्रीमर्स?
डॉक्यूमेंटेड ड्रीमर्स शब्द की उत्पत्ति विकास, राहत और विदेशी नाबालिगों के लिए शिक्षा (ड्रीम) विधेयक से हुई है, जिसका उद्देश्य अवैध अप्रवासियों के लिए स्थायी कानूनी निवास का मार्ग प्रदान करना था।
हालांकि, इसे बार-बार अमेरिकी विधायिका में पेश किया गया, लेकिन यह विधेयक पारित नहीं हुआ।
उसके बाद में ओबामा प्रशासन ने इसके विकल्प के रूप में DACA को लागू किया था। तब से विभिन्न देशों के हजारों अप्रवासी युवाओं को DACA परमिट मिल चुके हैं।
विकल्प
DACA के गैरकानूनी घोषित होने के बाद क्या बचे हैं विकल्प?
कुछ लोगों के लिए F-1 स्टूडेंट वीजा में जाना अमेरिका में रहने का एक संभावित तरीका हो सकता है, लेकिन इसके साथ बड़ी चुनौतियां भी हैं।
H-4 वीजा से F-1 स्टूडेंट वीजा में जाने वालों को अंतरराष्ट्रीय छात्रों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है और उन्हें ट्यूशन, संघीय वित्तीय सहायता और छात्रवृत्तियां नहीं मिलती हैं।
ऐसे में बिना आर्थिक मदद के उनका अमेरिका में रहना और पढ़ाई करना काफी मुश्किल होने के साथ परिवार पर बोझिल हो सकता है।
निराशा
"मुझे 15 साल बाद छोड़ना पड़ेगा देश"
कैलिफोर्निया की 20 वर्षीय नर्सिंग छात्रा ने TOI से कहा, "मैं 6 साल की उम्र से यहां हूं। मेरी शिक्षा, दोस्त और भविष्य यहीं है। अब, मुझे बताया गया है कि मुझे शायद देश छोड़ना पड़ेगा क्योंकि मेरा आश्रित वीजा अगस्त 2025 में समाप्त हो रहा है।"
छात्रा ने कहा, "F-1 वीज़ा में परिवर्तित होना एक विकल्प है, लेकिन इससे हमारे परिवारों पर वित्तीय बोझ पड़ेगा, जो पहले से ही अमेरिका में रहने की उच्च लागत से जूझ रहे हैं।"
चिंता
ग्रीन कार्ड भी है बड़ी चिंता
अमेरिका में रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड प्रणाली में भारी बैकलॉग इस वर्ग के लिए गंभीर चिंता का विषय है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में लगभग 10.7 लाख भारतीय रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड कतार (EB-2 और EB-3 श्रेणी) में फंसे हुए हैं, जिसके लिए अनुमानित प्रक्रिया समय 134 वर्ष है।
आश्रित बच्चों के लिए DACA सुरक्षा की अनुपस्थिति ने चिंता को और बढ़ा दिया है और उन्हें अब स्व-निर्वासन का सामना करना पड़ सकता है।