जापान के कर्मचारी सबसे ज्यादा नाखुश, जानें भारत की स्थिति
क्या है खबर?
जापान तकनीक और विकास के मामले में भले ही आगे हो, लेकिन यहां काम करने वाले कर्मचारी अपनी नौकरियों से खुश नहीं हैं। यह खुलासा मैकिन्से हेल्थ इंस्टीट्यूट की ओर से किए गए सर्वेक्षण में हुआ है।
सर्वे के अनुसार, शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य का आंकलन करके कर्मचारियों के कल्याण की वैश्विक रैंकिंग में जापान आखिरी स्थान पर आया है।
इस मामले में भारत की स्थिति जापान से काफी बेहतर है।
रिपोर्ट
अध्ययन में 30,000 से अधिक कर्मचारियों को शामिल किया गया
रिपोर्ट के अनुसार, अध्ययन में 30 देशों के 30,000 से अधिक कर्मचारियों को शामिल किया गया।
अध्ययन में जापान के 25 प्रतिशत अंक आए। तुर्की के सबसे अधिक 78 प्रतिशत और उसके बाद भारत के 76 प्रतिशत, चीन के 75 प्रतिशत और नाइजीरिया और कैमरून के करीब 65-65 प्रतिशत अंक आए। अध्ययन का वैश्विक औसत 57 प्रतिशत रहा।
सबसे नीचे के क्रम में जापान के बाद ब्रिटेन, नीदरलैंड, फ्रांस, न्यूजीलैंड, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और पोलैंड हैं।
कारण
जापान में कर्मचारियों के नाखुश होने का क्या है कारण?
अंतर-सांस्कृतिक संचार और व्यवसायिक प्रथाओं पर कंपनियों को सलाह देने वाली रोशेल कोप्प बताती हैं कि अंतरराष्ट्रीय सर्वेक्षणों में जापान की रेटिंग लगातार कम रही है।
कोप्प ने कहा कि खुद को कम आंकने की प्रलेखित प्रवृत्ति, कार्यस्थल पर संतुष्टि की कमी और तनाव का बढ़ता स्तर जापान की इस रैंकिंग के कारण है।
बता दें कि जापानी में बड़ी संख्या में कर्मचारी अल्पकालिक अनुबंध पर काम करते हैं, जिससे कर्मचारियों के बीच अनिश्चितता बढ़ रही है।