
ईरान में सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों को टहलाने पर प्रतिबंध लगा, क्या है वजह?
क्या है खबर?
ईरान की सरकार ने 20 से ज्यादा शहरों में कुत्तों को टहलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ये कदम सामाजिक व्यवस्था और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
तेहरान स्थित फराज न्यूज के मुताबिक, जिन शहरों में प्रतिबंध लगाया गया है उनमें करमानशाह, इलम, हमादान, करमान, बोरूजेर्ड, रोबत करीम, लवसनात और गोलेस्तान शामिल हैं। इससे पहले 2019 में तेहरान में भी ऐसे ही प्रतिबंध लगाए गए थे।
आइए इसकी वजह जानते हैं।
आदेश
किन-किन शहरों में लगे प्रतिबंध?
पिछले हफ्ते ईरान के कई शहरों में अधिकारियों ने कुत्तों को टहलाने पर नए प्रतिबंध लगा दिए हैं। इनमें इलम, केरमानशाह, हमादान, केरमान, बोरूजेर्ड, रोबत करीम, लावासनाट, गोलेस्तान, काश्मार और खलखल शामिल हैं।
हालांकि, ये प्रतिबंध एक आदेश के तहत राष्ट्रीय स्तर पर नहीं लगाए गए है, बल्कि अलग-अलग प्रांतों ने अपने स्तर पर आदेश जारी किए हैं।
कई शहरों से खबरें हैं कि वहां नियमों का पालन नहीं करने पर अधिकारी कुत्तों के मालिकों पर कार्रवाई कर रहे हैं।
वजह
क्या है प्रतिबंध के पीछे की वजह?
ईरानी अधिकारियों का दावा है कि कुत्तों को घुमाने से लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। उनका कहना है कि कुत्तों को घुमाने से सुरक्षा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
इस्फहान में सरकारी वकील मोहम्मद मौसावियन ने कहा कि कुत्ते को टहलाना सार्वजनिक अधिकारों का उल्लंघन माना जाता है और यह नागरिकों के स्वास्थ्य, आराम और शांति को खतरे में डालता है। शहर में कुत्तों को घुमाने के किसी भी तरीके पर अब प्रतिबंध है।"
कार्रवाई
नियम तोड़ने पर क्या होगी सजा?
अधिकारियों को कुत्तों और उनको ले जाने वाले वाहनों को जब्त करने और पालतू पशुओं की दुकानों और बिना लाइसेंस वाले पशु चिकित्सालयों को बंद करने का निर्देश दिया गया है।
इसके अलावा पालतू जानवरों के स्वामित्व या जानवरों की बिक्री को बढ़ावा देने वाले सोशल मीडिया अकाउंट को ट्रैक करने और उन पर मुकदमा चलाने का भी निर्देश दिया गया है।
खलखल के अभियोक्ता मोजफ्फर रेजाई ने कहा कि नियम तोड़ने पर लोगों को परिणाम भुगतने होंगे।
धार्मिक वजह
क्या फैसले के पीछे कोई धार्मिक वजह है?
ईरान में इस्लामी क्रांति के बाद से कुत्ता पालना और घुमाना विवादास्पद विषय रहा है। कई धार्मिक व्याख्याओं में कुत्तों को अशुद्ध माना गया है।
2017 में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा था कि अगर यह प्रथा गैर-मुसलमानों से मिलती-जुलती है, उनकी संस्कृति को बढ़ावा देती है या पड़ोसियों को नुकसान और परेशानी का कारण बनती है, तो इसे निषिद्ध माना जाता है।
ईरानी शासन इसे पश्चिमीकरण और सांस्कृतिक विचलन का संकेत मानता है।
अन्य कदम
कुत्तों को लेकर ईरान ने पहले भी उठाए थे कदम
2010 में ईरान के संस्कृति और इस्लामी मार्गदर्शन मंत्रालय ने पालतू जानवरों या उनसे संबंधित उत्पादों के विज्ञापनों पर रोक लगा दी थी।
2014 में ईरानी संसद में कुत्तों को घुमाने वालों के लिए जुर्माना या सजा के प्रावधान वाला विधेयक पेश किया गया था। हालांकि, यह पारित नहीं हो सका।
2021 में 75 सांसदों ने कुत्ते के स्वामित्व को 'विनाशकारी सामाजिक समस्या' बताते हुए एक पत्र में कहा था कि ये धीरे-धीरे ईरानी जीवन शैली को बदल सकता है।