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बांग्लादेश में हिंदु युवक की हत्या: जांच में ईश निंदा के नहीं मिले कोई सबूत
बांग्लादेश में हिंदु युवक की हत्या के मामले में नहीं मिले हैं ईश निंदा के सबूत

बांग्लादेश में हिंदु युवक की हत्या: जांच में ईश निंदा के नहीं मिले कोई सबूत

Dec 21, 2025
12:31 pm

क्या है खबर?

बांग्लादेश के मयमनसिंह में कथित ईश निंदा के आरोप में पीट-पीटकर की गई हिंदू युवक दीपू चंद्र दास (27) की हत्या के मामले में अहम खुलासा हुआ है। जांच में इस बात का कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं मिला है कि दीपू ने किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली कोई टिप्पणी की थी। बता दें कि वारदात को लेकर दीपू पर आरोप लगाया गया था कि उसने पैगंबर मोहम्मद पर अपमानजनक टिप्पणी कर लोगों की भावनाओं को भड़काया था।

बयान

जांच में सामने आई सच्चाई

बांग्लादेश के आतंकवाद विरोधी बल रैपिड एक्शन बटालियन के कंपनी कमांडर मोहम्मद शम्सुज्जमान ने द डेली स्टार से कहा, "जांच में इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं कि दीपू ने फेसबुक पर ऐसा कुछ लिखा हो जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची हो। दीपू के कपड़ा कारखाने में काम करने वाले सहकर्मी भी यही कह रहे हैं कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से दीपू को इस तरह की कोई बात कहते हुए न तो सुना और न ही देखा।"

वारदात

कैसे हुई थी यह जघन्य वारदात? 

दीपू के पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने की अफवाह फैलने के बाद कपड़ा कारखाने के मजदूर भड़क गए। कारखाने के प्रभारी आलमगीर हुसैन ने कहा, "मजदूरों ने दीपू को बर्खास्त करने की मांग की थी। मजदूरों के गुस्से को देखते हुए उन्होंने दीपू को हटा दिया था। उसके बाहर निकलते समय भीड़ ने उसे पकड़ लिया और पीट-पीटकर हत्या कर दी। उसके बाद उसके शरीर को पेड़ से बांधकर आग लगा दी।"

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कार्रवाई

पुलिस ने अब तक क्या कार्रवाई की?

मामले में रैपिड एक्शन बटालियन ने शनिवार को विभिन्न स्थानों पर दबिश देकर 7 संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। उनकी पहचान मोहम्मद लिमोन सरकार, मोहम्मद तारेक हुसैन, मोहम्मद मानिक मियां, इरशाद अली, निजुम उद्दीन, आलमगीर हुसैन और मोहम्मद मिराज हुसैन अकॉन के रूप में हुई है। अब तक कुल 10 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। मयमनसिंह के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) मोहम्मद अब्दुल्ला अल मामून ने बताया कि इस संबंध में हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

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