
अमेरिकी कोर्ट के रोक लगाने के बाद ट्रंप की दूसरी योजना, 15 प्रतिशत अस्थायी टैरिफ लगाएंगे
क्या है खबर?
अमेरिकी व्यापार कोर्ट द्वारा टैरिफ पर रोक लगाने की कोशिश के बाद डोनाल्ड ट्रंप अब अस्थायी टैरिफ की योजना बना रहे हैं, जो 150 दिन के लिए लागू होगी।
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप प्रशासन मौजूदा अमेरिकी कानून का इस्तेमाल कर दुनिया भर से आने वाले कई सामानों पर 150 दिनों के लिए 15 प्रतिशत अस्थायी टैरिफ लगा सकता है।
हालांकि, व्यापार कोर्ट के टैरिफ पर रोक के आदेश को संघीय अपीलीय कोर्ट ने रोक दिया है।
टैरिफ
ट्रंप प्रशासन ने काम शुरू किया
रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन का कहना है कि व्यापार कोर्ट द्वारा टैरिफ पर रोक लगाने के बाद से ही 'प्लान बी' पर विचार शुरू कर दिया गया था।
बताया जा रह है कि ट्रंप प्रशासन 1974 के व्यापार अधिनियम के पहले के प्रावधान के तहत वैश्विक बाजार के बड़े हिस्से पर अस्थायी टैरिफ लगाने की कोशिश कर रहा है।
यह अधिनियम अन्य देशों के साथ व्यापार असंतुलन से निपटने के उपाय की अनुमति देता है।
जानकारी
क्या है अधिनियम, जिसका उपयोग कर सकते हैं ट्रंप?
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, व्यापार और विनिर्माण के वरिष्ठ सलाहकार पीटर नवारो का कहना है कि ट्रंप प्रशासन 1930 के स्मूट-हॉले टैरिफ अधिनियम का उपयोग कर सकता है, जिसमें एक प्रावधान अमेरिका के खिलाफ भेदभाव करने वाले देशों पर टैरिफ लगाने की अनुमति देता है।
कदम
कोर्ट के खिलाफ ट्रंप प्रशासन ने की थी अपील, टैरिफ अस्थायी रूप से बहाल
व्यापार कोर्ट का फैसला आने के कुछ समय बाद ही ट्रंप प्रशासन ने वाशिंगटन स्थित संघीय अपीलीय कोर्ट में अपील की थी।
संघीय सर्किट के लिए अमेरिका की अपील कोर्ट ने कहा कि वह सरकार की अपील पर विचार करने के लिए निचली कोर्ट के फैसले को स्थगित कर रही है।
कोर्ट ने मामले में वादी को 5 जून और प्रशासन को 9 जून तक जवाब देने का आदेश दिया और तब तक टैरिफ अस्थायी रूप से बहाल किया है।
फैसला
अमेरिकी व्यापार कोर्ट ने क्या दिया था फैसला?
मैनहट्टन स्थित अंतरराष्ट्रीय व्यापार कोर्ट ने बुधवार को राष्ट्रपति ट्रंप को बड़ा झटका देते हुए उनके 'लिब्रेशन डे' टैरिफ पर रोक लगा दी थी।
कोर्ट ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आपातकालीन आर्थिक शक्ति अधिनियम (IEEPA) राष्ट्रपति को हर देश पर टैरिफ लगाने का एकतरफा अधिकार नहीं देता।
तीन न्यायाधीशों के पैनल ने कहा कि राष्ट्रपति ने देशों पर टैरिफ लगाकर अपने अधिकारों का अतिक्रमण किया है।
कोर्ट ने 10 दिन में इसे रद्द कर नया आदेश जारी करने को कहा है।