बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या के बाद अल्पसंख्यक सुरक्षा को लेकर UN में याचिका दायर
क्या है खबर?
बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद एक बार फिर पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा गरमा गया है। घटना की हिंदू संगठनों, अल्पसंख्यक अधिकार समूहों और अंतरराष्ट्रीय सांसदों की ओर से कड़ी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की गई है। मामले में अंतरराष्ट्रीय हिंदू सेवा संघ ने संयुक्त राष्ट्र (UN) में याचिका दायर की है। संघ विश्वभर में उत्पीड़ित हिंदू अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए काम करने वाला मानवाधिकार संगठन है।
याचिका
मॉरीशस में हिंदू समूहों ने कड़ी निंदा की
इस हत्या की मॉरीशस में हिंदू समूहों ने भी कड़ी निंदा की है। पोर्ट लुइस में बांग्लादेश गणराज्य के उच्चायुक्त को संबोधित एक पत्र में, मॉरीशस सनातन धर्म मंदिर संघ ने बांग्लादेश में दीपू की क्रूर हत्या और उसके बाद उनके शरीर को जलाए जाने की घटना की कड़ी निंदा की। संगठन ने घटना पर गहरा आक्रोश व्यक्त करते हुए पत्र में कहा, "इस अमानवीय कृत्य ने मॉरीशस और दुनिया भर के हिंदुओं की अंतरात्मा को झकझोर दिया है।"
विरोध
अमेरिकी कांग्रेसी नेता ने भी जताया विरोध
घटना को लेकर अमेरिकी कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति ने भी कड़ी निंदा की है। कृष्णमूर्ति ने कहा, "बांग्लादेश में एक हिंदू व्यक्ति दीपू चंद्र दास की लक्षित भीड़ द्वारा की गई हत्या से मैं स्तब्ध हूं, यह हिंसा का एक ऐसा कृत्य है जो खतरनाक अस्थिरता और अशांति के दौर में घटित हुआ है। बांग्लादेश सरकार को पूरी तरह से पारदर्शी जांच करनी चाहिए और सभी दोषियों पर कानून के अनुसार कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।"
विरोध
ढाका में भी सड़क पर उतरे संगठन
बांग्लादेश में भी दीपू दास की हत्या का हिंदू धार्मिक संगठन और अल्पसंख्यक अधिकार समूह विरोध कर रहे हैं। ढाका में नेशनल प्रेस क्लब के सामने प्रदर्शनकारियों ने हत्या की निंदा करते हुए बढ़ते धार्मिक चरमपंथ और दण्डमुक्ति का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दीपू दास की हत्या ने यह उजागर कर दिया है कि कैसे एक धार्मिक अल्पसंख्यक समुदाय के एक पूरी तरह से निर्दोष व्यक्ति की धार्मिक कट्टरपंथियों द्वारा बेरहमी से हत्या कर दी गई।
मामला
क्या है दीपू चंद्र की हत्या का मामला
बांग्लादेश के मयमनसिंह जिले में 18 दिसंबर की रात कपड़ा फैक्टरी में काम करने वाले दीप चंद्र की ईशनिंदा के आरोप में हत्या कर दी गई और उसके शरीर को पेड़ से लटकाकर जला दिया गया। घटना के समय दीप चंद्र फैक्टरी में था, जहां कर्मचारियों ने उसे पुलिस के आने से पहले ही पुलिस के हवाले कर दिया था। दीपू को सड़क पर बुरी तरह पीटा गया और उसके मृत शरीर पर लोग कूदते दिखे थे।