जब टिड्डियां बनी चीन के करोड़ों लोगों की मृत्यु का कारण, हैरान करने वाली है घटना
क्या है खबर?
पाकिस्तान से राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा होते हुए मध्य प्रदेश तक टिड्डियों का दल तांडव कर रहा है और कई हेक्टेयर फसल बर्बाद कर चुका है।
वैसे तो हर साल टिड्डियों के कारण कुछ न कुछ फसलों को नुकसान पहुंचता है लेकिन अब इनका आतंक कुछ ज्यादा बढ़ गया है।
ये तो रही देश की बात, लेकिन क्या आपको पता है कि पड़ोसी देश चीन में तकरीबन 60 साल पहले इन टिड्डियों की वजह से करोड़ों लोग मारे गए थे।
मामला
फसलों की पैदावार को बढ़ाने के चक्कर में लिया गया था एक गलत फैसला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 1958 में चीन की सत्ता संभाल रहे माओ जेडॉन्ग उर्फ माओ त्से-तुंग ने 'फोर पेस्ट कैंपेन' नामक एक अभियान शुरू किया था जिसके तहत उन्होंने चार जीवों जैसे मच्छर, मक्खी, चूहा और गौरैया चिड़िया को मारने का आदेश दिया था और उसके बदले लोगों को इनाम देने की भी घोषणा की गई थी।
दरअसल उनका कहना था कि ये फसलों को बर्बाद कर देते हैं जिससे किसानों की सारी मेहनत बेकार चली जाती है।
आदेश
गौरैया को मारने पर लोगों को दिया गया पुरस्कार
माओ के आदेश के बावजूद लोगों के लिए मच्छर, मक्खी और चूहों को ढूंढ-ढूंढकर मारना मुश्किल काम था क्योंकि वे खुद को कहीं भी छुपा लेते हैं।
लेकिन गौरैया तो हमेशा इंसानों के बीच रहना पसंद करती है जिस कारण वे माओ के चलाए अभियान के जाल में फंस गईं।
पूरे चीन में उन्हें ढूंढ-ढूंढकर मारा जाने लगा। यहां तक कि उनके घोंसलों को उजाड़ दिया गया और इसके लिए लोगों को पुरस्कारों से नवाजा भी गया था।
नतीजा
गौरैया की संख्या में गिरावट के साथ फसलों की बर्बादी हुई शुरू
भारी संख्या में गौरैया को मारने के कुछ महीनों बाद उनकी संख्या तेजी से घट गई और फसलों के बर्बाद होने में बढ़ोतरी हो गई।
हालांकि इसी बीच 1960 में चीन के मशहूर पक्षी विज्ञानी शो-शिन चेंग ने माओ को बताया कि गौरैया फसलों को कम ही बर्बाद करती हैं और अनाज को बड़ी मात्रा में नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े जैसे टिड्डियों को खा जाती हैं।
माओ ये समझते उससे पहले ही चावल की पैदावार बेहद घट गई।
अकाल
फसलें बर्बाद होने के कारण कई लोग हुए भुखमरी के शिकार
चेंग की सलाह पर माओ ने गौरैया को न मारने आदेश दिया और उनकी जगह अनाज खाने वाली टिड्डियों को मारने का आदेश दिया।
लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। गौरैया के न होने से टिड्डियों की संख्या में तेजी आ गई जिसका नतीजा यह हुआ कि सारी फसलें बर्बाद हो गईं।
इसकी वजह से चीन में एक भयानक अकाल पड़ा और बड़ी संख्या में लोग भुखमरी के शिकार हो गए।
जानकारी
चीन के इतिहास की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक है यह घटना
इस घटना को चीन की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक माना जाता है क्योंकि इस दौरान भूखमरी से लगभग 1 करोड़ 50 लाख लोगों की मौत हो गई थी। वहीं कुछ आंकड़ों के मुताबिक 1.50-4.50 करोड़ लोग भूखमरी की वजह से मारे गए थे।