
दुर्लभ युद्धकालीन ट्रैक्टर लगभग 88 लाख रुपये में हुआ नीलाम, जानिए कहां
क्या है खबर?
ब्रिटिश सेना ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान विभिन्न कार्यों के लिए होल्ट 75 नामक ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया था, जिसमें युद्ध के मैदान में भारी होइट्जर तोपों को ले जाना भी शामिल था। इन ट्रैक्टर का इस्तेमाल युद्ध के बाद साल 1924 तक भी जारी रहा था और हाल ही में उस समय के एक होल्ट 75 ट्रैक्टर की नीलामी लाखों रुपये में की गई है। आइए इस नीलामी के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नीलामी
कहां हुई नीलामी?
होल्ट 75 की नीलामी इंग्लैंड के हेल्सवर्थ के पास वेनहैस्टन में एक चर्च फार्म में की गई थी, जिसका आयोजन नीलामीकर्ता शेफिन्स द्वारा किया गया था। होल्ट 75 दिवंगत मशीनरी उत्साही रोजर डेसबोरो द्वारा एकत्रित विशाल संग्रह का हिस्सा था, जो कि उनके संग्रह में शामिल अन्य चीजों के मुकाबले सबसे अधिक कीमत पर बिका। इस ट्रैक्टर की नीलामी 75,040 पाउंड यानी करीब 88 लाख रुपये में हुई है।
अन्य चीजें
नीलामी में शामिल अन्य ट्रैक्टर और मशीनें
नीलामीकर्ताओं ने बताया, "इस नीलामी के आयोजन में 300 से अधिक बोलीदाता शामिल थे और होल्ट 75 के साथ कई और युद्धकालीन ट्रैक्टर भी शामिल थे, जिसमें 1919 ओवरटाइम मॉडल एन भी शामिल था। यह ट्रैक्टर 37,520 पाउड यानी 44 लाख से ज्यादा रुपये में बिका।" इसके अतिरिक्त नीलामी में होइट्जर डिमोशन आर्टिलरी फील्ड भी शामिल थी, जिसे 16,080 पाउंड (18 लाख से ज्यादा रुपये) में बेचा गया।
बयान
विंटेज ट्रैक्टरों का संग्रह करने वालों की कमी नहीं- बिल किंग
शेफिंस के चेयरमैन बिल किंग ने कहा, "देश में विंटेज ट्रैक्टरों के संग्रहकर्ताओं में से एक के रूप में रोजर डेसबोरो के इस संग्रह ने दुनियाभर से कई लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया और नीलामी में ट्रैक्टरों के साथ प्रतिष्ठित मशीनें भी शामिल थीं।" उन्होंने आगे कहा कि इस नीलामी से पता चल गया कि विंटेज ट्रैक्टरों का संग्रह करने वालों की बिल्कुल भी कमी नहीं है।
अन्य नीलामी
4.82 अरब रुपये की भारी कीमत पर नीलाम हुई थी 1954 मर्सिडीज W196R स्ट्रीमलाइनर
होल्ट 75 ट्रैक्टर से पहले फरवरी 2025 में मर्सिडीज W196R स्ट्रीमलाइनर नामक कार को एक नीलामी में बेचा गया था। इसे 4.82 अरब रुपये की भारी कीमत पर बेचा गया है। यह स्ट्रीमलाइनर बेचा जाने वाला पहला और बिक्री के लिए जाने वाला दूसरा W196R मॉडल था। इस गाड़ी को इंडियानापोलिस मोटर स्पीडवे संग्रहालय में लगभग 60 सालों तक प्रदर्शित किया गया था।