यहां गायों को भी पहनाया गया VR हेडसेट, जानें क्या है वजह
दुनिया में कई किसान ऐसे हैं, जो गायों को पालकर उनकी देखभाल करते हैं व बदले में उनसे अच्छे दूध के उत्पादन की चाह रखते हैं। ऐसे में इस चाह को अंजाम तक पहुंचाने के लिए रूस की सरकार ने गायों को VR हेडसेट पहनाने की तरकीब को बढ़ावा दिया है, क्योंकि उनके अनुसार शायद यह तरकीब दूध के उत्पादन को बढ़ा सकती है। ये मामला सुनने में शायद अजीब लग रहा होगा, लेकिन यह सच है। आगे पढ़ें।
क्या है मामला?
रूस की राजधानी मास्को में गायों के दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए अजीबो-गरीब तरीका निकाला गया है। यहां गायों को VR हेडसेट पहनाकर दूध का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है, क्योंकि किसान यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि इनसे गायों का मूड अच्छा और दुग्ध उत्पादन बेहतर होता है या नहीं। विशेषज्ञों के कहने पर किसानों के लिए यह पहल कृषि और खाद्य मंत्रालय की ओर से की गई है।
क्यों पड़ी VR हेडसेट के इस्तेमाल की जरूरत?
विशेषज्ञों के अनुसार रूस में ज्यादातर वक्त बेहद सर्द और बर्फबारी का मौसम रहता है। ऐसे में आसपास हरियाली लुप्त होती जा रही है, जिस वजह से गायों को जैसा माहौल चाहिए वैसा नहीं मिलता है। इसके अलावा विशेषज्ञों का कहना है कि VR हेडसेट, रोबोट्स और ड्रोन जैसी तकनीक की वजह से डेयरी और पशु पालन में क्रांति आई है। साथ ही VR हेडसेट तकनीक से गायों की बैचेनी और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को कम करने में मदद मिलेगी।
क्या VR हेडसेट के जरिए गायों पर पड़ रहा है असर?
VR हेडसेट के जरिए गायों के पसंदीदा रंगों के साथ-साथ घास के मैदान दिखाए जा रहे हैं, जिसके चलते पहले परीक्षण में गायों की एंग्जाइटी कम हुई। साथ ही VR हेडसेट के जरिए गाय रोजाना हरे मैदान का अहसास कर खुली जगहों पर घूम भी सकती हैं, क्योंकि इस VR हेडसेट के ऑन होने के दौरान उन्हें 360 डिग्री व्यू मिलता है। खैर, इस बात का पता तो कुछ दिनों बाद चलेगा कि यह तरकीब कितनी सफल है।
गाय को VR हेडसेट पहनाता हुआ किसान
पहले भी दूध के उत्पादन में वृद्धि के लिए अपनाए गए हैं कई तरीके
डेयरी क्षेत्र में गायों की मानसिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए समय-समय पर कई तरीके अपनाए गए हैं जैसे उन्हें संगीत सुनाया जाता है। एक अच्छे दोस्त के तौर पर उनके करीब रहकर ज्यादा वक्त बिताने से उन्हें भावानात्मक रूप से मजबूत बनाया जाता है। बछड़े/बछड़ी के जन्म के बाद उनके बच्चो को उनसे अलग रखा जाता है, ताकि उनके बीच भावनात्मक रिश्ता विकसित न हो और बच्चो के दूर रहने पर वे बैचेन न हों।