गर्भवती महिलाओं की अनोखी मांग, इस वजह से आज ही के दिन करवाना चाहती हैं डिलीवरी
अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन हो गया है। देशभर में इस दिन को लेकर हर कोई काफी उत्साहित है। दूसरी ओर गर्भवती महिलाएं 22 जनवरी के शुभ दिन पर ही अपने बच्चे को जन्म देना चाहती हैं। इसके लिए कई महिलाओं ने अपने डॉक्टरों से संपर्क कर डिलीवरी करवाने का अनुरोध भी किया है। इन महिलाओं में उत्तर प्रदेश की आरती शाह भी शामिल हैं, जिनकी आज डिलीवरी होने वाली है। आइये पूरी खबर जानते हैं।
क्या है मामला?
जानकारी के मुताबिक, आरती नोएडा के एक निजी स्त्री रोग क्लिनिक में अपने बच्चे का स्वागत करने के लिए तैयार हैं। आरती और उनके 30 वर्षीय पति नीलेश ने बच्चे के जन्म के लिए इस तारीख को चुना है क्योंकि वे इस दिन को भगवान राम के जन्म के समान मानते हैं। उनकी यह कामना पूरी हो रही है, इसलिए दोनों अपने बच्चे का स्वागत के लिए उत्सुक हैं।
दंपति ने क्या कहा?
मीडिया से बात करते हुए दंपति ने कहा, "हमें बच्चे के लिंग के बारे में नहीं पता है, लेकिन डिलीवरी के लिए हमारे पास केवल C-सेक्शन का ही विकल्प था, इसलिए हमने इसके लिए 22 जनवरी की तारीख चुनी।" उन्होंने आगे कहा, "सब लोग यही कह रहे हैं कि भगवान राम खुद इस बच्चे के रूप में हमारे घर आ रहे हैं। इसके लिए हम बहुत ही भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं।"
"प्राण प्रतिष्ठा के साथ-साथ मुहूर्त प्रसव का उत्साह भी बढ़ा"
इस मामले में फरीदाबाद के अमृता अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की सलाहकार डॉ इला झा ने बताया कि प्राण प्रतिष्ठा का उत्साह बढ़ने के साथ-साथ मुहूर्त प्रसव का उत्साह भी बढ़ गया है। उन्होंने कहा, "कई गर्भवती महिलाएं अपने बच्चों का स्वागत ज्योतिषियों द्वारा बताए गए विशेष दिन और समय पर 22 जनवरी को ही डिलीवरी करवाने का अनुरोध कर रहे हैं, लेकिन ऐसी सभी मांगों को पूरा करना चिकित्सकीय रूप से मुमकिन नहीं है।"
इन खास मौकों पर भी दंपति डिलीवरी करवाने का करते हैं अनुरोध
झा ने आगे बताया, डॉक्टर के रूप में वह भावनात्मक अनुरोधों का सम्मान करती हैं, लेकिन चिकित्सा दृष्टिकोण से संतुलन बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा, "कई लोग चाहतें हैं कि उनके बच्चे का जन्म नए साल के दिन, नवरात्री के एक दिन पहले, कृष्ण जन्माष्टमी या उसी दिन हो, जिस दिन उनकी मां या पिता का जन्म हुआ है, लेकिन यह मां और बच्चे के स्वास्थ्य और गर्भावस्था के चरण पर निर्भर करता है।"