बेंगलुरू: किराए पर घर लेने के लिए युवक को देना पड़ा इंटरव्यू, पूछे मुश्किल सवाल
बेंगलुरू में किराए पर घर मिलना बहुत मुश्किल होता है। आप इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि यहां किराएदार को मकान मालिक को पहले इंटरव्यू देना पड़ता है। जी हां, एक स्टार्टअप फाउंडर ने शहर में घर ढूंढने का अपना अनुभव ट्विटर पर साझा किया है, जो खूब वायरल हो रहा है। व्यक्ति की ट्विटर पोस्ट से लगता है कि वह किराए के लिए घर नहीं, बल्कि सीड-राउंड के लिए इंवेस्टर को पिच कर रहे हो।
किराएदार शॉर्टलिस्ट करने के बाद होता है इंटरव्यू
ट्विटर पर टीयर-2 और टीयर-3 शहरों में रिटेलर्स बनाने वाले स्टार्टअप सुपरके के फाउंडर नीरज मेंटा नामक व्यक्ति ने एक पोस्ट साझा की है। पोस्ट के मुताबिक, बेंगलुरू में किराए के घर के लिए पहले तो नीरज ने मकान मालिक को अपनी और परिवार की परी जानकारी देने के साथ लिंक्डइन प्रोफाइल भी साझा करनी पड़ी। ये जानकारियां तो सिर्फ किराएदार शॉर्टलिस्ट करने के लिए मांगी गई थी। इसके बाद मकान मालिक और किराएदार के बीच एक लंबा इंटरव्यू हुआ।
इंटरव्यू में पूछे गए निजी और बिजनेस से जुड़े कई सवाल
इंटरव्यू के अपने अनुभव को साझा करते हुए नीरज ने लिखा, 'मेरा किराएदार इंटरव्यू मेरे सीड राउंड पिच की तुलना में लंबा और मुश्किल था। मकान मालिक ने पहले तो मुझसे मेरे बारे में और परिवार के बारे में विस्तृत सवाल पूछे और फिर स्टार्टअप की ओर बढ़े। उन्होंने मुझसे मेरे बिजनेस मॉडल, बर्न रेट, आखिरी निवेशकों के बारे में सवाल पूछें। इसके बाद मकान मालिक खुद बताने लगे कि मुझे बिजनेस चलाते वक्त किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।'
लंबे इंटरव्यू के बाद मकान मालिक ने मांगा 1-2 दिन का समय
नीरज बताते हैं कि मकान मालिक की बातें सही थीं, लेकिन किराए का घर लेने के लिए इतना लंबा इंटरव्यू हैरानी वाली बात है। लंबे इंटरव्यू के बावजूद मकान मालिक ने नीरज से 1-2 दिन का समय मांगा और फिर फैसला बताने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि घर किराए पर लेने के लिए कुछ और लोग भी इच्छुक हैं। वह पहले उनसे भी बात करेंगे। जब नीरज ने ये बात पत्नी से साझा की तो वह भी हैरान थी।
सोशल मीडिया यूजर्स दे रहे हैं विभिन्न प्रतिक्रियाएं
नीरज का यह ट्विटर पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और इसे देखकर लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, 'आपको तो मकान मालिक से कहना चाहिए था कि वह रेंट नकद में लेने के बजाय ESOPs में ले लें।' दूसरे यूजर ने सवाल किया कि आखिरकार उन्हें फ्लैट मिला या नहीं। इस पर नीरज ने जवाब दिया हां। वहीं एक अन्य यूजर ने इसे हास्यास्पद बताया।