दुनिया का सबसे अनोखा गांव है मलाणा, यहां किसी भी चीज को नहीं छू सकते पर्यटक
क्या है खबर?
हिमाचल प्रदेश अपनी खूबसूरत वादियों के लिए पहचाना जाता है। यहां एक से बढ़कर एक जगह मौजूद है, लेकिन राज्य के कुल्लू जिले में मौजूद सबसे अनोखी और अजीब जगह मलाणा गांव है।
इस गांव की अलग परंपराएं और कानून है। इसके अलावा यहां पर्यटकों या अन्य बाहरी लोगों को कुछ भी छूने की इजाजत नहीं होती है।
आइए आज हम आपको इस अनोखे गांव के बारे में विस्तार से बताते हैं।
मामला
कुछ भी छूने पर देना पड़ सकता है जुर्माना
देश के सबसे अनोखे गांवों में से एक मलाणा में घूमने आने वाले व्यक्ति को यहां कि किसी भी चीज को छूने की इजाजत नहीं होती है।
यदि उन्होंने ऐसा किया तो 1,000 से 2,500 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
इसके अलावा यहां मौजूद दुकानों पर रखें हुए सामान को भी पर्यटक हाथ नहीं लगा सकते हैं। दुकानदार खुद सामान को जमीन पर रख देते और खरीदार पैसे जमीन पर रखकर सामान उठा लेते हैं।
कानून
मलाणा गांव के नियम और कानून हैं बेहद सख्त
रिपोर्ट्स के मुताबिक , मलाणा गांव का संविधान सबसे पुराना माना जाता है। यहां के नियम और कानून इतने ज्यादा सख्त हैं कि अपराधी भी खौफ खाते हैं।
इस गांव को दुनिया का सबसे पुराना लोकतांत्रिक गांव कहा जाता है। इसकी अपनी अलग संसद है, जिसमें छोटे और बड़े 2 सदन हैं।
बड़े सदन में 11 सदस्य होते हैं, जिसमें गांव वाले 8 सदस्यों का चुनाव करते हैं। वहीं बाकी 3 स्थायी सदस्य कारदार, गुर और पुजारी होते हैं।
संसद की कार्रवाई
इस तरह होती है अनोखे गांव के संसद की कार्रवाई
इस अनोखे गांव के संसद की कार्रवाई चौपाल के तौर पर होती है। इसमें बड़े सदन के सभी सदस्य ऊपर की तरफ बैठते हैं, वहीं छोटे सदन के सदस्य नीचे बैठते हैं।
यदि सदन में किसी मामले का फैसला नहीं हो पाता तो जमलू देवता इसका फैसला करते हैं। यहां के लोग जमलू ऋषि को ही देवता मानते हैं और उन्हें पूजते हैं।
गांव के निवासियों के लिए उनका फैसला अंतिम होता है।
लिटिल ग्रीस
लिटिल ग्रीस के नाम से प्रसिद्ध है यह अनोखा गांव
भारत और यूनान के वैज्ञानिकों का एक समूह मलाणा गांव पर शोध कर रहा है।
इसके मुताबिक, जब महान यौद्धा अलेक्जेंडर ने 326 ईसापूर्व में भारत पर आक्रमण किया था तो उसे पोरस के साथ संधि करना पड़ी थी।
इसके बाद अलेक्जेंडर तो वापस लौट गया, लेकिन उसके कुछ सैनिक इसी गांव में ही रुक गए।
इसके साथ ही गांव के निवासी बोलचाल में कुछ ग्रीक शब्दों का इस्तेमाल भी करते हैं और खुद को अलेक्जेंडर का वंशज मानते हैं।