मां-बाप की लड़ाई से परेशान लड़की कोर्ट पहुँची, जज ने कहा- तुम सुनाओ फैसला
हर परिवार में कभी न कभी कलह होती ही है, लेकिन बहुत कम ही देखा जाता है कि घर की लड़की इससे परेशान होकर मदद के लिए कोर्ट पहुँच जाए। दरअसल, हाल ही में पारिवारिक कलह से परेशान होकर एक 16 वर्षीय लड़की मदद माँगने के लिए ज़िला विधिक प्राधिकरण के लिए पहुँची। लड़की ने जब वहाँ अपनी बात जज को बताई, तो उन्होंने लड़की को अपनी कुर्सी पर बैठाकर कहा कि अब तुम आदेश दो। आइए जानें मामला।
जज ने निकाला मामले के सकारात्मक निपटारे का अनोखा तरीक़ा
मामला मध्य प्रदेश के भोपाल का है। जानकारी के अनुसार, पारिवारिक कलह से परेशान लड़की शुक्रवार को अपने स्कूल से सीधे प्राधिकरण पहुँची और वहाँ ज़िला विधिक प्राधिकरण के सचिव और एक्टिंग जज आशुतोष मिश्रा से शिकायत कर अपनी पीड़ा बताई। लड़की ने कहा, "मैं पारिवारिक झगड़े की वजह से तनाव का शिकार हो रही हूँ। मेरी मदद करें।" जज ने लड़की की बात सुनकर उसकी स्थिति को समझते हुए मामले के सकारात्मक निपटारे का अनोखा रास्ता निकाला।
पेपर में पढ़कर प्राधिकरण में शिकायत लेकर गई थी लड़की
बता दें कि लड़की ने जज को बताया था कि वह भोपाल के मिसरौद थाना क्षेत्र में रहती है। उसके पिता छोटी-छोटी बात पर ग़ुस्सा करते हैं। घर का सामान फेंक देते हैं और माँ को प्रताड़ित करते हैं। रोज़-रोज़ के झगड़े से वह तनाव का शिकार हो रही है। उसने पेपर में ज़िला विधिक प्राधिकरण के बारे में पढ़ा था, इसलिए वह शिकायत लेकर यहाँ आई है। काउंसलिंग से पहले माता-पिता को प्राधिकरण बुलाने में लड़की घबरा रही थी।
लड़की के फ़ैसले को जज ने आदेश के रूप में जारी किया
इसके बाद उन्होंने पहले काउंसलिंग कर लड़की को उसके माता-पिता को प्राधिकरण बुलाने के लिए राज़ी किया। जब लड़की माता-पिता प्राधिकरण आ गए तो उनके सामने ही जज ने लड़की को अपनी कुर्सी पर बैठाकर कहा कि अब तुम ही फैसला करो। लड़की ने भी हिम्मत दिखाई और फैसला सुना दिया, जिसे सुनकर माता-पिता की आँखें भर आईं। बाद में जज ने लड़की के फ़ैसले को आदेश के रूप में जारी किया।
अपने फ़ैसले में लड़की ने क्या कहा?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लड़की ने अपने फ़ैसले में कहा, "मम्मी-पापा आप दोनों कभी नहीं झगड़ेंगे। पापा आप हमारी स्कूल की फीस नियमित भरोगे। बच्चों के साथ मारपीट नहीं करोगे। रोज़-रोज़ खाने की थाली नहीं फेंकोगे।" इसके अलावा लड़की ने कहा, "पापा आप समय पर घर का राशन लाकर दोगे और समय पर बच्चों की ज़रूरतों को भी पूरा करोगे। इसके अलावा माँ को भी ख़र्च के लिए कुछ रुपये दोगे।"
काउंसलिंग में लड़की के माता-पिता ने बताया ये
प्राधिकरण में हुई काउंसलिंग में लड़की की माँ ने बताया कि पति ग़ुस्से में घर का राशन बाहर फेंक देते हैं और ख़र्च चलाने के लिए पैसे भी नहीं देते हैं। वहीं, पिता ने स्वीकार किया कि ग़ुस्से की वजह से वो समझ नहीं पाए कि उनका परिवार परेशानी में जी रहा है। उन्होंने बताया कि उन्हें परिवार के अलावा गाँव में अपने माता-पिता को भी पैसे भेजने पड़ते हैं, जिसकी वजह से वह कई बार गुस्सा हो जाते हैं।
माता-पिता को बुलाने में डर रही थी लड़की- जज
जज मिश्रा ने कहा, "बच्ची बहुत समझदार है, लेकिन वह माता-पिता को बुलाने में डर रही थी। उसे जब अपनी कुर्सी पर बैठाकर माता-पिता की काउंसलिंग की ज़िम्मेदारी सौंपी तो उसका आत्मविश्वास लौटा।" उन्होंने आगे बताया, "वह अपने परिवार की काउंसलिंग ख़ुद कर सकती है। लड़की को प्राधिकरण की तरफ़ से निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की जा रही है। आगे मैं और पैरालीगल वालंटियर लड़की का फ़ॉलोअप करते रहेंगे।"