चंडीगढ़ गुरुद्वारे में लंगर में बंटा 553 किलो का केक, बनाने में लगे थे दो दिन
क्या है खबर?
चंडीगढ़ में गुरु नानक देव के 553वें प्रकाश पर्व के खास मौके पर गुरुद्वारा साहिब में 553 किलोग्राम का केक काटकर लंगर में बांटा गया।
इस खास केक को नेशनल बेकर्स ने पूरे दो दिन में तैयार किया था। इतने बड़े केक को देखने के लिए मौके पर श्रद्धालुओं की भी काफी भीड़ इकट्ठा हो गई थी।
आइए आपको इस केक के बारे में विस्तार से बताते हैं।
केक
10 कारीगरों ने दो दिन में तैयार किया था केक
चंडीगढ़ सेक्टर 19 के गुरुद्वारा साहिब में प्रकाश पर्व को खास तरीके से मनाने के लिए 553 किलोग्राम का केक बनवाकर इसे लंगर में बांटा गया।
इस शाकाहारी केक को नेशनल बेकर्स के 10 कारीगरों ने पूरे दो दिन में तैयार किया था।
केक का वजन 553 किलोग्राम, लंबाई 20 फुट, चौड़ाई 4.5 फुट और ऊंचाई छह इंच रखी गई थी।
कई टेबलों को मिलाकर उनके ऊपर इस केक को रखा गया था।
वीडियो वायरल
इंस्टाग्राम पर केक का वीडियो हुआ वायरल
केक का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर '1,000 थिंग्स इन लुधियाना' नामक पेज पर शेयर किया गया है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि कई टेबलों पर 553 किलोग्राम के केक को फैलाकर रखा गया है।
इस केक में 400 किलोग्राम केक ब्रेड और उसके ऊपर 130 किलोग्राम की क्रीम की लेयर लगाई गई थी। इसे 25 किलोग्राम क्रश और चेरी से सजाया गया था।
गुरुद्वारे में आएं श्रद्धालुओं और बच्चों से इस केक को कटवाया गया था।
बयान
केक बनाने वाली कंपनी के मालिक ने क्या कहा?
केक बनाने वाली नेशनल बेकर के मालिक सतनाम सिंह और समनदीप सिंह ने कहा, "इस बार गुरु नानक देव की 553वीं जयंती पर 553 किलोग्राम का केक तैयार किया था। पिछले साल 552 किलोग्राम का केक बनाया गया था।"
उन्होंने आगे कहा, "प्रकाश पर्व के दिन गुरुद्वारों में माथा टेकने और कीर्तन सुनने के लिए हजारों लोग आते हैं। उन सभी श्रद्धालुओं को लंगर में इस केक का बांटा गया।"
प्रकाश पर्व
न्यूजबाइट्स प्लस
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि कुल 2,420 भारतीय सिख तीर्थयात्रियों ने गुरु नानक जयंती समारोह में शामिल होने के लिए वाघा-अटारी सीमा से पाकिस्तान की यात्रा की।
वहीं पंजाब स्थित श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का दौरा करने वाले तीर्थयात्रियों में 429 भारतीय नागरिक और चार भारत की विदेशी नागरिकता (OCI) कार्डधारक शामिल रहे। सभी श्रद्धालु पूजा-अर्चना कर लौट आए हैं।