सड़कों पर भीख मांगने वाला शख्स निकला करोड़पति, दो साल बाद वापस लौटा घर
क्या है खबर?
हर कोई पैसों के लिए बड़ा आदमी बनना चाहता है, लेकिन कोई भिखारी नहीं बनना चाहता।
वहीं हर कोई भिखारियों के बारे में यही सोचता है कि इनके पास कुछ नहीं होगा, इसलिए ही भीख मांग रहे हैं। मगर आपका यह सोचना गलत हो सकता है क्योंकि एक ऐसा मामला सामने आया है जिसके बारे में जानकर आप चौंक जाएंगे।
दरअसल, एक व्यक्ति काफी समय से भीख मांग रहा था, लेकिन जब सच्चाई सामने आई तो वह करोड़पति निकला।
मामला
क्या है मामला?
दरअसल, आज हम जिस भिखारी के बारे में बताने जा रहे हैं वह अमीर होने के बावजूद भीख मांग रहा था।
हरियाणा के अम्बाला कैंट की पुरानी अनाज मंडी में मंदिर के बाहर एक भिखारी पिछले दो साल से भीख मांग रहा था।
जब इस शख्स के बारे में छानबीन की गई तो पता चला कि भीख मांगने वाला भिखारी युवक करोड़पति है।
बता दें कि यह शख्स उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है।
पड़ताल
"करोड़पति भिखारी" के बारे में कैसे पता चला?
पिछले गुरुवार को भिखारी मंदिर के सामने बैठा था और इसके पैर से खून निकल रहा था। यह देख एक व्यक्ति उसे डॉक्टर के पास लेकर गया।
जब उसके बारे में कुछ पूछा गया तो मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण भिखारी कुछ नहीं बता पाया। काफी देर याद करने के बाद उसने एक मोबाइल नंबर बताया। नंबर मिलाया गया तो वह उसके चाचा का निकला, जिसने बताया कि भिखारी का वास्तविक नाम धनंजय ठाकुर है।
पूछताछ
घर से दो साल पहले गायब हुआ था धनंजय
धनंजय के बारे में जब घरवालों को पता चला तो उसकी छोटी बहन उसे लखनऊ से लेने पहुंची और अपने भाई के बिछड़ने से लेकर मिलने तक की कहानी बताई।
उन्होंने बताया कि धनंजय दो साल पहले घर से गायब हुआ था।
बहन को देखते ही धनंजय ने उसे पहचान लिया, जिसके बाद बहन के मुंह से सिर्फ यही निकला, "धमेंद्र भाई तुम्हें फोन नंबर याद था तो दो साल पहले फोन नहीं करवा सकते थे।"
बयान
नशे की लत ने धनंजय को बनाया भिखारी
दैनिक भास्कर के मुताबिक, धनंजय की बहन ने बताया कि उनके इकलौते भाई को नशे की लत लग गई थी। इससे उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ती गई और वह एक दिन घर छोड़कर चला गया।
परिवार ने उसे ढूंढने के लिए हर कोशिश की, लेकिन नहीं मिला। अब तक तो घरवालों की आस भी छूट गई थी।
दो दिन पहले ही उन्होंने बुआ से कहा था, लगता है अब भाई दुनिया में नहीं है, लेकिन इतेफाक से वो मिल गया।