हैरत में डाल देंगी क्रिसमस की ये 5 विचित्र परंपराएं, हंसी रोक पाना हो जाएगा मुश्किल
क्या है खबर?
क्रिसमस का त्योहार आने वाला है, जिसे साल का सबसे खूबसूरत समय कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन यीशु मसीह का जन्म हुआ था। इस दिन सांता क्लॉस घर-घर जा कर बच्चों को तोहफे देते हैं, लोग गिरजाघर में पूजा करते हैं और क्रिसमस ट्री सजाते हैं। हालांकि, दुनियाभर में क्रिसमस से जुड़ी कई अजीबो-गरीब परंपराएं भी निभाई जाती हैं। इनके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे और अपनी हंसी नहीं रोक पाएंगे।
यूक्रेन
मकड़ी के जाले से क्रिसमस ट्री सजाना
क्रिसमस ट्री इस पर्व का एक प्रतीक होता है, जिसे सजाना एक जरूरी परंपरा है। इसके लिए लोग अलग-अलग रंगों वाले क्रिसमस ऑर्नामेंट, फेरी लाइट और रिबन आदी का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, दुनिया के एक हिस्से में लोग मकड़ी के जाले से भी क्रिसमस ट्री सजाते हैं। यूक्रेन के लोग पौराणिक कहानियों का पालन करते हुए क्रिसमस ट्री पर नकली मकड़ी के जाले लटकते हैं। कहते हैं कि इससे कामयाबी और खुशियां मिलती हैं।
वेनेजुएला
गिरजाघर तक स्केटिंग करना
क्रिसमस पर सभी ईसाई लोग यीशु की कृपा पाने के लिए गिरजाघर जरूर जाते हैं। हालांकि, वेनेजुएला के लोग एक अनोखे अंदाज में गिरजाघर तक पहुंचते हैं। इस दिन सभी लोग रोलर स्केट्स पहनकर स्केटिंग करते हुए गिरजाघर जाते हैं। इस परंपरा को 'लास पटिनाटास' कहा जाता है, जो 1940 में शुरू हुई थी। इसे बच्चों को गिरजाघर ले जाने के एक मजेदार तरीके के रूप में शुरू किया गया था।
चेक रिपब्लिक
जूते उछालना
चेक रिपब्लिक की अविवाहित महिलाएं क्रिसमस पर एक खास परंपरा निभाती हैं। यह इस आस में निभाई जाती है कि उनका रिश्ता तय हो जाए। इसके दौरान वे अपने कंधों के पीछे एक जूता उछालती हैं। अगर जूता दरवाजे की तरफ इशारा करता है तो इसका मतलब होता है कि जल्द ही उनकी शादी हो जाएगी। वहीं, अगर जूता उल्टा गिरता है तो महिला एक और साल अविवाहित रहती है।
ऑस्ट्रिया
शैतान की तरह तैयार हो कर बच्चों को डराना
क्रिसमस पर सांता बच्चों को खुश करने के लिए तोहफे बांटते हैं। हालांकि, एक ऐसा देश भी है, जहां इस दिन बच्चों को डराया जाता है। ऑस्ट्रिया में क्रिसमस वाले दिन कुछ लोग एक डरावने शैतान के कपड़ों में तैयार होते हैं। वे सड़कों पर घूमते हुए शरारती बच्चों को डराते हैं और सजा देते हैं। वे क्रैम्पस की वेश-भूषा अपनाते हैं, जो आधा बकरा और आधा शैतान होता है। उसके डर से बच्चे अच्छा बर्ताव करना सीखते हैं।
जर्मनी
जूतों में कैंडी भरना
दुनियाभर के बच्चे यह बात मानते हैं कि क्रिसमस पर सांता उन्हें तोहफे देते हैं। इसी आस के साथ जर्मनी में एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है। दरअसल, 5 दिसंबर की रात को सभी बच्चे अपने घर के बाहर अपने जूते रखते हैं। अगर वे साल भर अच्छा बरताव करते हैं तो अगले दिन सुबह उनके जूते कैंडी से भरे हुए मिलते हैं। हालांकि, अगर वे बुरा बरताव करते हैं तो सैंटा जूते में एक सूखी लकड़ी रख देते हैं।