विधानसभा चुनाव 2019: पुणे में 270 सदस्यीय परिवार के साथ 102 वर्षीय बुज़ुर्ग ने डाला वोट
क्या है खबर?
21 अक्टूबर को महाराष्ट्र में मतदान हुए। विधानसभा चुनाव में लोगों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इसी बीच एक हैरान करने वाला नज़ारा सामने आया है।
दरअसल, एक 102 वर्षीय सेवानिवृत्त ब्रिटिश भारतीय सेना के अधिकारी ने सोमवार को बडगाँव-शेरी निर्वाचन क्षेत्र में वोट डाला।
आपको जानकर हैरानी होगी कि उनके साथ वोट डालने उनके परिवार के पाँच पीढ़ियों के 270 सदस्य भी आए थे।
आइए इसके बारे में जानें।
ख़ासियत
साल 1918 में हुआ था जन्म
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि परिवार के मुखिया हाजी इब्राहिम अलीम जौद हैं, जिनका जन्म 1918 में हुआ था।
अब वो 102 साल से भी ज़्यादा के हो चुके हैं, लेकिन अब भी काफ़ी मज़बूत हैं।
उनके साथ उनके 12 में से 10 बेटे, दो बेटियाँ, 45 पोते-पोतियाँ, कई पर-पोते, यहाँ तक कि कुछ छोटे पर-पोते भी थे।
उनकी तीसरी पीढ़ी के पौत्रों में से एक 45 वर्षीय तनवीर जौद भी हैं, जो पारिवारिक व्यवसाय में लगे हैं।
मतदान
वोट डालने के लिए परिवार के सभी सदस्यों को बुलाया मतदान केंद्र
इब्राहिम दिल की बीमारी से पीड़ित हैं और पिछले चार दिनों से जहांगीर अस्पताल में भर्ती थे, जिन्हें डॉक्टर ने पूरी तरह से स्वस्थ घोषित करते हुए छुट्टी दे दी।
तनवीर ने IANS को बताया कि उन्होंने अपना वोट डालने और अपने परिवार के सभी सदस्यों से वोट डलवाने के लिए मतदान केंद्र पर आने के लिए कहा।
परिवार के मुखिया की बात सुनकर सब लोग अपना काम छोड़कर चुनाव दस्तावेज़ों से लैस होकर मतदान केंद्र पर पहुँचे।
अपील
वीडियो के माध्यम से की थी अपील
तनवीर ने आगे कहा कि असल में उन्होंने अस्पताल से डिस्चार्ज होने से पहले एक वीडियो के माध्यम से लोगों से अपील कि थी कि वो अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए मतदान केंद्र पर आएँ।
तनवीर ने बताया, "परिवार के सभी 270 मतदाताओं ने आज मतदान किया, जिसमें 72 मेरे दादा के साथ मतदान केंद्र में शामिल हो रहे हैं, बाक़ी लोगों ने पड़ोस के मतदान केंद्रों पर अपने वोट डाले।"
जानकारी
मतदान करने के लिए किया सभी लोगों से अनुरोध
इब्राहिम ने मतदान केंद्र पर मुस्कुराते हुए मीडियाकर्मियों से कहा कि उन्होंने हर एक चुनाव में मतदान किया है। साथ ही उन्होंने सभी लोगों से एक कर्तव्य और ज़िम्मेदारी के रूप में वोट देने के लिए अनुरोध भी किया।
काम
तीन साल तक की भारतीय ब्रिटिश सेना में सेवा
बता दें कि इब्राहिम मूल रूप से राजस्थान के रहने वाले हैं, जो 1942 में व्यावसायिक उद्देश्य की वजह से महाराष्ट्र चले गए थे।
तनवीर ने बताया, उन्होंने 1945 तक ब्रिटिश भारतीय सेना में तीन साल की सेवा की और आज़ादी के बाद पुणे को अपना स्थायी घर बनाने का फ़ैसला किया।"
तनवीर ने आगे कहा, "वह अपने सिविल कार्य व्यवसाय में लगे हुए थे, जो अब 'जौद कंस्ट्रक्शन' बन गया है, जो हर तरह के नागरिक काम करता है।"
दिनचर्या
रोज़ाना चलाते थे 12 किलोमीटर साइकिल
इब्राहिम ने अपने जीवनकाल में परिवार के अन्य सदस्यों के साथ तीन बार हज यात्रा भी की है। कुछ साल पहले उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई।
90 साल की उम्र तक वह रोज़ाना 12 किलोमीटर साइकिल चलाते थे। वो चाय पीने के लिए तीन किलोमीटर दूर अपनी पसंदीदा चाय की दुकान पर जाते थे और घर वापस आते थे।
हर शाम को वो दोस्तों के साथ यात्रा पर जाते थे। हालाँकि, 12 साल पहले ही उन्होंने सब छोड़ दिया।