टोक्यो ओलंपिक में भारत ने जीते थे कुल 7 पदक, जानिए कैसा रहा था प्रदर्शन
क्या है खबर?
पेरिस ओलंपिक की शुरुआत 26 जुलाई से होनी है, जिसमें भारत के 110 से अधिक खिलाड़ी हिस्सा लेने के लिए तैयार हैं।
इन खेलों का पिछला संस्करण टोक्यो में खेला गया था, जिसमें भारत ने अपने सभी पुराने रिकॉर्ड्स को ध्वस्त करते हुए रिकॉर्ड 7 पदक जीते थे। भारतीय खिलाड़ी आगामी संस्करण में और बेहतर प्रदर्शन करना चाहेंगे।
इस बीच टोक्यो ओलंपिक में भारत द्वारा जीते पदकों के बारे में जानते हैं।
नीरज चोपड़ा
नीरज चोपड़ा ने जीता था ऐतिहासिक स्वर्ण
टोक्यो ओलंपिक के खत्म होने से एक दिन पहले भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन आया था।
भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने भारत के इतिहास में सिर्फ दूसरा व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर का भाला फेंकते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था।
चोपड़ा ने भारत को स्वतंत्रता (1947) के बाद एथलेटिक्स में पहला पदक भी दिलाया।
भारत के पास ओलंपिक इतिहास में कुल 10 स्वर्ण पदक हो गए थे।
हॉकी
41 साल के बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने जीता कोई पदक
हॉकी में ओलंपिक पदक के लिए भारत का इंतजार आखिरकार टोक्यो ओलंपिक में खत्म हो गया था।
टोक्यो में कांस्य पदक जीतने के लिए भारतीय पुरुष टीम ने जर्मनी को 5-4 से हराया था।
भारत ने आखिरी बार हॉकी में 1980 (स्वर्ण) में ओलंपिक पदक जीता था। भारतीय टीम ने इससे पहले 49 साल बाद ग्रेट ब्रिटेन को हराकर ओलंपिक में अपना सेमीफाइनल स्थान पक्का किया था।
रजत पदक
मीराबाई चानू और रवि दहिया ने जीते थे रजत पदक
मीराबाई चानू ने भारोत्तोलन में रजत पदक जीतने के साथ ही टोक्यो ओलंपिक में भारत का खाता खोला था। वह भारोत्तोलन में पदक जीतने वाले दूसरी भारतीय और रजत जीतने वाली पहली एथलीट बनी थीं।
रवि कुमार दहिया ने 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती के फाइनल में जगह बनाई थी।
फाइनल में हारने के कारण उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा था। वह कुश्ती में रजत जीतने वाले केवल दूसरे भारतीय पहलवान बने थे।
कांस्य पदक
सिंधु, लवलीना और बजरंग ने जीते थे कांस्य पदक
महिला मुक्केबाज लवलीना बोर्गोहेन ने कांस्य पदक जीता था। लवलीना को सेमीफाइन मुकाबले में तुर्की की मुक्केबाज बुसेनाज सुरमेनेली से हार मिली थी।
महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने भी कांस्य पदक जीता थे। वह लगातार 2 ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बनी थीं।
कुश्ती में पदक के लिए सबसे बड़ी उम्मीद माने जाने वाले बजरंग पुनिया ने भी कांस्य पदक पर कब्जा जमाया था।
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