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टी-20 विश्व कप: चहल को बाहर रखना चुनौतीपूर्ण, लेकिन राहुल होंगे सही विकल्प- कोहली
चहल और कोहली

टी-20 विश्व कप: चहल को बाहर रखना चुनौतीपूर्ण, लेकिन राहुल होंगे सही विकल्प- कोहली

लेखन Neeraj Pandey
Oct 17, 2021
04:50 pm

क्या है खबर?

टी-20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में युजवेंद्र चहल को जगह नहीं दी गई है। चहल की जगह युवा राहुल चाहर को टीम में शामिल किया गया है। चहल को विश्व कप की टीम से बाहर किए जाने पर तमाम क्रिकेट एक्सपर्ट्स चौंक गए थे। भारतीय कप्तान विराट कोहली ने चहल को टीम में शामिल नहीं करने के लिए गति को कारण बताया है। आइए जानते हैं क्यों चहल को विश्व कप की टीम में शामिल नहीं किया गया।

कारण

गति रही चहल के बाहर होने का मुख्य कारण- कोहली

कोहली ने चहल की धीमी गति को उन्हें टीम से बाहर करने का मुख्य कारण बताया है। टी-20 विश्व कप से पहले कप्तानों द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोहली ने कहा, "चहल को बाहर करना काफी चुनौतीपूर्ण था, लेकिन हमने राहुल को बैक करने का निर्णय लिया। वह ऐसे खिलाड़ी हैं जिसने पिछले कुछ सीजन में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है। इसके अलावा वह अच्छी गति से गेंदबाजी करते हैं।"

प्रदर्शन

राहुल से बेहतर था चहल का हालिया प्रदर्शन

हालिया फॉर्म की बात करें तो चहल ने राहुल की बजाए बेहतर प्रदर्शन किया है। चहल ने इंडियन प्रीमियर लीग में खेले 15 मैचों में 18 विकेट लिए तो वही राहुल ने 11 मैचों में 13 विकेट हासिल किए। UAE लेग में राहुल को कुछ मैचों के लिए मुंबई इंडियंस ने प्लेइंग इलेवन से बाहर भी किया था। दूसरी ओर चहल ने UAE लेग में दमदार प्रदर्शन किया और लगातार अच्छे स्पेल डाले थे।

राहुल चाहर

गति है राहुल की स्वाभाविक मजबूती- राहुल

कोहली ने आगे कहा कि टूर्नामेंट शुरू होने के बाद विकेट काफी धीमी हो जाएंगे तो जो गेंदबाज अच्छी गति से गेंदबाजी करेगा उसके लिए विकेट चटकाना आसान होगा। उन्होंने कहा, "राहुल के पास स्वाभाविक तौर पर यह खूबियां है और वह ऐसे गेंदबाज हैं जो विकेट को निशाना बनाते हैं। इसी कारण से राहुल को मौका मिला है, लेकिन चहल किसी भी प्रकार से कम नहीं है और यह एक कठिन निर्णय था।"

रविचंद्रन अश्विन

अश्विन के भी समर्थन में दिखे कोहली

रविचंद्रन अश्विन को चार साल बाद सफेद गेंद की फॉर्मेट में वापस खेलते देखा जाएगा और कप्तान कोहली उनके समर्थन में खड़े दिखाई दे रहे हैं। कोहली ने कहा, "यदि आप पिछले दो साल के IPL देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि अश्विन अब सफेद गेंद से काफी साहस दिखाते हैं। वह आक्रामक बल्लेबाजों के खिलाफ भी गेंदबाजी करने से नहीं डरते हैं। उन्हें अपनी स्किल को सुधारने का ईनाम मिला है।"