उस्मान ख्वाजा पर लगा पर्थ टेस्ट में काली पट्टी बांधने का आरोप, जानिए क्या है नियम
उस्मान ख्वाजा पर बिना पूर्व अनुमति के पर्थ में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाफ पहले टेस्ट के दौरान काली पट्टी पहनने के लिए ICC नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। अमूमन पूर्व खिलाड़ियों, परिवार के सदस्यों या अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों की मृत्यु को चिह्नित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में काली पट्टी पहनी जाती है। हालांकि, इसके लिए राष्ट्रीय बोर्ड और ICC से अनुमति की आवश्यकता होती है।
क्लॉज F का उल्लंघन किया
ICC के एक प्रवक्ता ने ESPN क्रिकइंफो को बताया, "ख्वाजा पर कपड़े और उपकरण नियमों के क्लॉज F का उल्लंघन करने का आरोप लगा है। उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट में एक व्यक्तिगत संदेश (काली पट्टी) प्रदर्शित किया, जिसे प्रदर्शित करने के लिए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और ICC की अनुमति नहीं ली गई, जैसा कि व्यक्तिगत संदेशों के लिए नियमों में आवश्यक है। यह एक श्रेणी के तहत उल्लंघन है। इस तरह के पहले अपराध के लिए सजा एक फटकार है।"
क्या है ICC का नियम?
ICC के नियमानुसार, खिलाड़ियों और टीम के अधिकारियों को अपने कपड़े, उपकरण या किसी अन्य चीज पर व्यक्तिगत संदेश पहनने, प्रदर्शित करने या संप्रेषित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। भले ही ऐसे संदेश कपड़ों, उपकरण या किसी अन्य चीज पर चिपकाए गए हों।
जूतों पर हुआ था विवाद
पहले टेस्ट से पहले ख्वाजा ने अभ्यास सत्र में अपने जूतों पर खास संदेश लिखा था। ख्वाजा के जूतों पर लिखा था, 'स्वतंत्रता एक मानवाधिकार है और सभी का जीवन समान है।' सोशल मीडिया पर लोगों का कहना था कि वह फिलिस्तीन का समर्थन कर रहे हैं। विवाद बढ़ने पर ख्वाजा ने वीडियो शेयर कर कहा, "सभी का जीवन एक समान है। स्वतंत्रता एक मानव अधिकार है। मैं मानवाधिकारों के लिए और मानवीय अपील के लिए आवाज उठा रहा हूं।"