
इंग्लैंड ने टेस्ट क्रिकेट इतिहास में कब-कब किया सबसे बड़े लक्ष्यों का सफल पीछा? जानिए आंकड़े
क्या है खबर?
टेस्ट क्रिकेट में लक्ष्य का पीछा करना किसी भी टीम के धैर्य, तकनीक और जुझारूपन की असली परीक्षा होती है। टेस्ट क्रिकेट की जननी माने जाने वाले इंग्लैंड ने इस चुनौती को कई बार गौरवपूर्ण अंदाज में पार किया है। भारतीय टीम के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले मुकाबले में इंग्लैंड ने 371 रन का लक्ष्य केवल 5 विकेट खोकर हासिल कर लिया था। आइए जानते हैं इंग्लैंड ने कब-कब टेस्ट में सफल लक्ष्य का पीछा किया।
#1
378 रन, बर्मिंघम 2022
इंग्लैंड ने सबसे बड़ा रन चेज भारत के खिलाफ साल 2022 में बर्मिंघम टेस्ट में किया था। सीरीज के 5वें टेस्ट में भारतीय ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 416 रन बनाए थे। जवाब में इंग्लैंड की टीम 284 रन पर ऑलआउट हो गई थी। भारतीय टीम दूसरी पारी 245 रन पर सिमट गई थी। 378 रन के लक्ष्य को इंग्लैंड ने जो रूट (142) और जॉनी बेयरस्टो (114) की धमाकेदार पारियों की मदद से हासिल कर लिया था।
#2
371 रन, लीड्स 2025
लीड्स टेस्ट में भारत ने पहली पारी में यशस्वी जायसवाल (101), शुभमन गिल (147) और ऋषभ पंत (134) के शतकों की बदौलत 471 रन बनाए। जवाब में इंग्लैंड ने 465 रन बना दिए। जसप्रीत बुमराह ने 5 विकेट लिए। भारत ने दूसरी पारी में केएल राहुल (137) और पंत (118) की बदौलत 364 रन बनाए। आखिर में इंग्लैंड से बेन डकेट ने शतक (149) लगाया और रूट (53*) की पारी की मदद से 371 रन का लक्ष्य हासिल किया।
#3
359 रन, लीड्स 2019
साल 2019 में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम इंग्लैंड दौरे पर थी। तीसरा टेस्ट एशेज इतिहास का सबसे रोमांचक मुकाबलों में से एक बन गया। ये मुकाबले भी लीड्स में खेला गया था। पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने 179 रन बनाए। जवाब में इंग्लैंड 67 रन पर सिमट गई। ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 246 रन बनाए और इंग्लैंड को 359 रन का लक्ष्य दिया। बेन स्टोक्स (135 रन) की ऐतिहासिक पारी की बदौलत इंग्लैंड ने मुकाबला 1 विकेट से जीता।
#4
315 रन, लीड्स 2001
साल 2001 में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लीड्स में खेले गए चौथे टेस्ट में 315 रन का लक्ष्य हासिल किया था। पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 447 रन बनाए थे। इंग्लैंड ने जवाब में 309 रन बनाए। कंगारू टीम ने अपनी दूसरी पारी में 176/4 रन पर घोषित कर दी थी। इंग्लैंड को जीत के लिए 315 रन का लक्ष्य मिला, जो उसने मार्क बुचर (173) और नासिर हुसैन (55) की पारियों की मदद से हासिल कर लिया था।