टेस्ट क्रिकेट: चौथी पारी में भारत के 9 विकेट गिरने के बावजूद ड्रॉ रहे ये मुकाबले
टेस्ट क्रिकेट को खेल का सबसे चुनौतीपूर्ण प्रारूप माना जाता है। अधिकतम 5 दिन तक चलने वाले इस प्रारूप में बल्लेबाजों और गेंदबाजों की धैर्य की कड़ी परीक्षा होती है। टेस्ट क्रिकेट के स्वर्णिम इतिहास में मैच का ड्रॉ होना बड़ा साधारण सा परिणाम रहा है। इस बीच ऐसे दिलचस्प मैचों के बारे में जानते हैं, जब चौथी पारी में भारत के 9 विकेट गिरने के बावजूद मैच ड्रॉ पर समाप्त हुए हों।
भारत बनाम इंग्लैंड (1946, ओल्ड ट्रैफर्ड)
साल 1946 में ओल्ड ट्रैफर्ड में खेले गए टेस्ट में इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने अपनी पहली पारी में 294 रन बनाए थे, जिसके जवाब में भारतीय क्रिकेट टीम 170 रन ही बना सकी थी। इसके बाद मेजबान टीम ने 153/5 के स्कोर पर पारी घोषित की थी। जीत के लिए मिले 278 रन के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने अपनी दूसरी पारी में 152/9 का स्कोर बनाया, तब मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ था।
श्रीरंगा सोहोनी और दत्ताराम हिंडलेकर ने टाल दी थी भारत की हार
भारत ने 138 के स्कोर पर अपना नौवां विकेट गंवा दिया था। ऐसे में हार सुनिश्चित दिख रही थी। आखिर में श्रीरंगा सोहोनी (11*) और दत्ताराम हिंडलेकर (4*) ने टिककर बल्लेबाजी करते हुए बचे हुए समय को निकाला और भारत की हार को टाल दिया।
भारत बनाम इंग्लैंड (2007, लॉर्ड्स)
2007 में लॉर्ड्स टेस्ट में इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 298 रन बनाए थे। इसके जवाब में भारतीय टीम 201 रन ही बना सकी थी। अपनी दूसरी पारी में मेजबान टीम ने केविन पीटरसन के शतक (134) की बदौलत 282 रन बनाए थे। आखिर में जीत के लिए मिले 380 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए जब भारत ने 282/9 का स्कोर बनाया, तब मैच ड्रॉ रहा था।
धोनी और श्रीसंत ने टाल दी थी भारतीय टीम की हार
भारत ने 263 के स्कोर पर अपना नौवां विकेट गंवा दिया था। आखिर में महेंद्र सिंह धोनी (76*) और श्रीसंत (4*) ने आखिरी दिन के समय को निकाला और भारत की हार को टाल दिया था।
भारत बनाम वेस्टइंडीज (2011, मुंबई)
भारत और वेस्टइंडीज के बीच 2011 में रोचक मुकाबला हुआ था। वानखेड़े स्टेडियम में वेस्टइंडीज ने पहली पारी में 590 रन बनाए थे। जवाब में भारतीय टीम रविचंद्रन अश्विन के शतक की बदौलत 482 रन बनाए थे। इसके बाद कैरेबियाई टीम ने दूसरी पारी में 134 रन बनाए और 243 रन का लक्ष्य दिया। जवाब में भारतीय टीम पांचवें दिन के खेल की समाप्ति तक 242/9 का स्कोर ही बना सकी।
मैच जीतने से चूक गया था भारत
भारत को पांचवें दिन के खेल की समाप्ति की आखिरी गेंद पर 1 रन की दरकार थी। अंतिम गेंद पर रन दौड़ने के प्रयास में अश्विन नौवें विकेट के रूप में रन आउट हो गए थे। उनके विकेट के साथ ही मैच समाप्त हुआ था।