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टेस्ट क्रिकेट: इन भारतीय बल्लेबाजों ने अपने आखिरी मुकाबले में जड़ा है शतक, जानिए आंकड़े
मोहम्मद अजहरुद्दीन ने अपने आखिरी टेस्ट में शतक लगाया था (तस्वीर: एक्स/@azharflicks)

टेस्ट क्रिकेट: इन भारतीय बल्लेबाजों ने अपने आखिरी मुकाबले में जड़ा है शतक, जानिए आंकड़े

Jul 24, 2025
07:51 am

क्या है खबर?

टेस्ट क्रिकेट में किसी भी बल्लेबाज का अपने अंतिम मुकाबले में शतक बनाना बेहद खास और यादगार उपलब्धि होती है। भारतीय बल्लेबाजों ने कई बार अपने करियर के अंतिम टेस्ट में शानदार खेल दिखाकर यह साबित किया है कि असली प्रतिभा समय के साथ और निखरती है। ऐसे खिलाड़ी न सिर्फ टीम के लिए बड़ा योगदान देते हैं, बल्कि क्रिकेट इतिहास में भी अमर हो जाते हैं। आइए आखिरी टेस्ट में शतक लगाने वाले भारतीय बल्लेबाजों पर नजर डालते हैं।

#1

विजय मर्चेंट (154 रन)

भारतीय क्रिकेट टीम के लिए सबसे पहले ये कारनामा साल 1951 में विजय मर्चेंट ने किया था। उन्होंने इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ अपने आखिरी टेस्ट मैच में 154 रन की पारी खेली थी। उनकी पारी के दम पर भारतीय टीम ने 418/6 का स्कोर बनाया था। वह मुकाबला ड्रॉ रहा था। मर्चेंट ने 10 टेस्ट खेले और इसकी 18 पारियों में 47.72 की औसत के साथ 859 रन बनाए। उनके बल्ले से 3 शतक और 3 अर्धशतक निकले थे।

#2

विजय मांजरेकर (102* रन) 

पूर्व दिग्गज भारतीय बल्लेबाज विजय मांजरेकर ने भी अपने आखिरी टेस्ट मैच में शतकीय पारी खेली थी। साल 1965 में उन्होंने न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ चेन्नई में 102* रन बनाए थे। उनके बल्ले से 14 चौके निकले थे। यह मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हुआ था। अपने टेस्ट करियर में इस खिलाड़ी ने 55 मुकाबले खेले थे। इसकी 92 पारियों में उन्होंने 39.12 की औसत से 3,208 रन बनाए थे। उनके बल्ले से 7 शतक और 15 अर्धशतक निकले थे।

#3

मोहम्मद अजहरुद्दीन (102 रन) 

भारत के लिए मोहम्मद अजहरुद्दीन ने अपने आखिरी टेस्ट में शतक लगाया था। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में साल 2000 में 102 रन बनाए थे। उस मुकाबले को दक्षिण अफ्रीका ने पारी और 71 रन से जीता था। अजहरुद्दीन के टेस्ट करियर का यह 99वां टेस्ट मैच था और इसके बाद वह कभी भी नहीं खेले। उन्होंने 45.03 की औसत से 6,215 रन बनाए थे। उनके बल्ले से 22 शतक और 21 अर्धशतक निकले थे।

टेस्ट

अजहरुद्दीन क्यों नहीं खेल पाए 100वां टेस्ट?

साल 2000 में अजहरुद्दीन पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा, जिसके बाद क्रिकेट से उनको आजीवन प्रतिबंधित कर दिया गया। उन्होंने अदालत में लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। करीब 12 साल बाद आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाते हुए आजीवन प्रतिबंध हटा दिया। इस फैसले के बाद उनका नाम विवादों से बाहर आया और उन्हें न्याय मिला। यह मामला क्रिकेट इतिहास के बड़े फिक्सिंग विवादों में से एक रहा, जिसने खेल की साख को गहरी चोट पहुंचाई।