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लॉर्ड्स टेस्ट: गेंद को लेकर भारतीय टीम के साथ हुआ भेदभाव? जानिए क्या है पूरा मामला 
भारतीय टीम ने शिकायत दर्ज कराई है (तस्वीर: एक्स/@BCCI)

लॉर्ड्स टेस्ट: गेंद को लेकर भारतीय टीम के साथ हुआ भेदभाव? जानिए क्या है पूरा मामला 

Jul 31, 2025
12:38 pm

क्या है खबर?

एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में एक और बड़ा विवाद सामने आया है। भारतीय क्रिकेट टीम के अधिकारियों ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) मैच रेफरी से शिकायत की है कि इंग्लैंड को टेस्ट सीरीज के दौरान गेंद चुनने में पक्षपातपूर्ण सुविधा दी जा रही है। अधिकारियों का दावा है कि लॉर्ड्स टेस्ट के दौरान जब गेंद बेअसर हो गई और जो नई गेंद उन्हें दी गई वह असल में 30-35 ओवर पुरानी थी, जिससे मैच का रुख बदला। उनका फैसला निर्णायक साबित हुआ।

विकेट

ये है पूरा मामला 

तीसरे टेस्ट की पहली पारी में भारत ने इंग्लैंड को मुश्किल में डाल दिया था। जसप्रीत बुमराह ने 14 गेंदों में बेन स्टोक्स, जो रूट और क्रिस वोक्स के अहम विकेट चटकाए थे। हालांकि, सिर्फ 10 ओवर बाद गेंद खराब हो गई, जिसके बाद भारतीय टीम ने गेंद बदलने की मांग की। इसी के बाद विवाद शुरू हुआ। भारतीय को जो नई गेंद दी गई वह करीब 30-35 ओवर पुरानी बताई गई, जिससे मैच की दिशा बदल गई।

हार

क्या कहता है ICC प्रोटोकॉल?

ICC प्रोटोकॉल के अनुसार बदली गई गेंद 10 ओवर पुरानी ही होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उस समय पहली पारी में इंग्लैंड का स्कोर 271/7 था, लेकिन गेंद बदलने के बाद टीम 387 रन पर ऑलआउट हुई। जेमी स्मिथ और ब्रायडन कार्स ने अर्धशतक जमाए। भारतीय खेमे का मानना है कि गेंद बदलने का असर नतीजे पर पड़ा। भारतीय टीम यह मुकाबला आखिरी दिन 22 रन से हार गई, जिससे अभी वह सीरीज में 2-1 से पीछे है।

बयान

10 ओवर बाद गेंद बदल दे रही अपना आकार 

लॉर्ड्स टेस्ट में करीब 10 ओवर बाद ड्यूक बॉल का आकार बिगड़ गया जो इस सीरीज में बार-बार देखा गया है। अंपायरों ने गेंद को रिंग्स से जांचा, लेकिन वह पास नहीं हुई। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार भारतीय टीम के एक अधिकारी ने बताया कि अंपायरों के पास 10 ओवर पुरानी गेंद नहीं थी, इसलिए टीम को 30-35 ओवर पुरानी गेंद दी गई। यह घटना मैच के बेहद अहम मोड़ पर हुई, जिससे खेल का संतुलन प्रभावित हुआ।

अधिकारी

भारतीय टीम के अधिकारी ने क्या कहा? 

भारतीय टीम के अधिकारी ने कहा, "अगर आप स्कोरबोर्ड देखें तो साफ दिखेगा कि गेंद बदलने के बाद मैच का रुख बदल गया। गेंदबाजों को स्विंग नहीं मिली और इंग्लैंड ने आसानी से रन बनाए।" भारतीय टीम को नहीं पता था कि गेंद कितनी पुरानी है। उन्होंने आगे कहा, "हमें नहीं बताया गया कि नई गेंद 30-35 ओवर पुरानी है वरना हम पुरानी और बेआकार गेंद से ही खेलते। ICC को दखल देना चाहिए और यह नियम तुरंत बदलना चाहिए।"

गेंद

इंग्लैंड के लिए पहले ही चुन ली जाती थी गेंद 

भारतीय टीम अधिकारी ने कहा, "मैं कोई आरोप नहीं लगा रहा, लेकिन जब हमने गहरे रंग की गेंद मांगी तो बताया गया कि यह गेंद इंग्लैंड ने दूसरी नई गेंद के रूप में चुना था।" उन्होंने आगे कहा, "सही तरीका यह होता कि गेंद का चयन मैच रेफरी के कमरे में होता न कि ड्रेसिंग रूम में जहां केवल स्थानीय अंपायर मौजूद थे।" अधिकारी ने इस प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए इसे बदलने की मांग की।