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बिहार की बेटी बनी 2019 की रग्बी 'इंटरनेशनल यंग प्लेयर ऑफ ईयर', जानें कैसे पहुंची यहां

बिहार की बेटी बनी 2019 की रग्बी 'इंटरनेशनल यंग प्लेयर ऑफ ईयर', जानें कैसे पहुंची यहां

लेखन Neeraj Pandey
Jan 05, 2020
09:28 pm

क्या है खबर?

पटना के तहसील बर्ह के छोटे से गांव नवादा की रहने वाली स्वीटी कुमारी ने 19 साल की उम्र में ही जो मुकाम हासिल कर लिया है वह वाकई काबिलेतारीफ है। स्वीटी को महिला रग्बी की मशहूर वेबसाइट Scrumqueens ने साल की इंटरनेशनल यंग प्लेयर ऑफ द ईयर चुना है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत ऐसी एथलीट के रूप में की थी जिसे रग्बी के बारे में कुछ भी पता नहीं था। आइए जानते हैं कौन हैं ये स्वीटी।

शुरुआत

भाई को देखते हुए की रनिंग की शुरुआत

स्वीटी सात भाई-बहनों में पांचवें नंबर की है और उसने अपने बड़े भाई को देखते हुए एथलेटिक्स में जाने का फैसला किया। उन्होंने अपने सरकारी स्कूल, जिला और स्टेट के लिए दौड़ लगाई। वह बताती हैं, "भाई ने एथलेटिक्स छोड़ दी क्योंकि उस पर काफी कड़ी मेहनत करने का दबाव पड़ रहा था। अब मेरे पापा मेरे भाई-बहनों को डांटते हैं और कहते हैं कि स्वीटी की जिंदगी तो सेट है।"

नियम

शुरु में नहीं मालूम थे रग्बी के नियम

14 साल की उम्र में स्वीटी को स्टेट रग्बी एसोसिएशन के सेक्रेटरी ने एथलेटिक्स प्रतियोगिता के दौरान देखा और उन्हें रग्बी टीम में शामिल करने का फैसला लिया। एक रग्बी कोच ने उन्हें नियम सिखाना शुरु किया और शुरुआत मेें उन्हें केवल इतना पता था कि गेंद को पीछे पास करना है और आगे की ओर भागना है। हालांकि, अमेरिकन कोच के आने के बाद स्वीटी को पता चला कि इस खेल की बारीकियां क्या हैं।

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सम्मान

अपने गृह जनपद में स्वीटी ने हासिल किया है अच्छा सम्मान

स्वीटी ने अपने खेल की बदौलत अपने गृह जनपद में अच्छा सम्मान हासिल किया है। वहां की सरकार ने अब रग्बी को क्रिकेट और हॉकी के बराबर बढ़ावा देना शुरु कर दिया है और टैलेंटेड खिलाड़ियों को नौकरियां भी दी जा रही हैं। स्वीटी ने बताया, "एक बार मैं परीक्षा के लिए 10 मिनट देरी से पहुंची तो लोगों ने न सिर्फ मुझे परीक्षा देने दिया बल्कि मेरे खेल के बारे में बात की और तालियां भी बजाई।"

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गति

तेज गति है स्वीटी की सफलता का राज

स्वीटी शुरुआत में रनिंग करती थीं और उन्होंने 100 मीटर की रेस 11.58 सेकेंड में पूरी की थी। अपनी इसी गति को उन्होंने रग्बी में ढाला और इस खेल की धमाकेदार खिलाड़ी बन गईं। तेज स्पीड होने के कारण ही उन्होंने काफी जल्दी विंग पर खेलना शुरु कर दिया। स्वीटी कहती हैं, "मेरी स्पीड काफी तेज है और अब मैं केवल तेजी के साथ अंदर और बाहर कट करने की ही प्रैक्टिस करती हूं।"

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