किस्से क्रिकेट के: जब अंपायर के गलत फैसले से गावस्कर ने मैच छोड़ने का बनाया मन
'किस्से क्रिकेट के', इस सीरीज़ में हम आपको क्रिकेट के मैदान के अंदर और बाहर के ऐसे किस्सों के बारे में बताएंगे, जिनके बारे में आप ने सुना ज़रूर होगा, लेकिन उसकी पूरी जानकारी आपको नहीं होगी। इस सीरीज़ का मुख्य उद्देश्य क्रिकेट में घटी हर घटना के बारे में आपको अवगत कराना है। इसी सीरीज़ में आज आप के लिए पेश है भारत के लेजेंडरी बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर और ऑस्ट्रेलिया के डेनिस लिली के बीच विवाद का पूरा किस्सा।
1981 में मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर घटी थी ये घटना
आज हम बात कर रहे हैं, उस घटना के बारे में जो मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर लगभग 40 साल पहले घटी। दरअसल 1981 में जब भारतीय टीम गावस्कर की कप्तानी में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज़ के लिए ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी। तब तीसरे टेस्ट में ये पूरी घटना घटी। इस सीरीज़ में गावस्कर की कलाई शांत थी और वह रन बनाने के लिए तरस रहे थे। तभी तीसरे टेस्ट में कुछ ऐसा हुआ, जिसकी चर्चा आज भी होती है।
जानिए क्या था पूरा विवाद
तीसरे टेस्ट में जब गावस्कर 70 रन बनाकर क्रीज़ पर जमे हुए थे, तभी डेनिस लिली की गेंद गावस्कर के बल्ले का अंधरूनी किनारा लेकर उनके पैड पर जा लगी। लिली ने ज़ोरदार अपील की और अंपायर ने गावस्कर को आउट दे दिया। इसके बाद गावस्कर देर तक क्रीज़ पर खड़े रहे और अंपायर को इशारा करते रहे कि गेंद पहले उनके बल्ले पर लगी थी। तभी लिली, गावस्कर के पास गए और उनके पैड को छू कर कुछ बोले।
जानिए आगे क्या कुछ हुआ
लिली की इस हरकत से गावस्कर इतने निराश हो गए कि उन्होंने दूसरे छोर पर बल्लेबाज़ी कर रहे चेतन चौहान का हाथ पकड़ा और मैदान से बाहर लेकर जाने लगे व बाउंड्री रोप तक ले गए। खैर टीम मैनेजमेंट ने गावस्कर को समझा लिया और मैच पूरा हुआ। भारत ने ये मैच 59 रनों से जीता। लेकिन अगर गावस्कर, चेतन चौहान को पवेलियन ले जाते तो ऑस्ट्रेलिया को ये मैच जीता दे दिया जाता।
30 साल बाद इस घटना के लिए गावस्कर ने मांगी थी माफी
सुनील गावस्कर ने इस पूरी घटना के लिए लगभग 30 साल बाद माफी मांगी थी। उन्होंने कमेंट्री के दौरान माफी मांगने के बाद बताया कि डेनिस लिली की स्लेजिंग से उन्हें इतना गुस्सा आया था कि उन्होंने वॉक आउट करने का मन बना लिया था।