सुमित नागल के पास बचे थे केवल 80,000 रुपये, आज ऑस्ट्रेलियन ओपन में रचा इतिहास
भारतीय टेनिस के युवा सितारे सुमित नागल ने साल के पहले ग्रैंड स्लैम में अपने अभियान का जोरदार आगाज किया। मंगलवार (16 जनवरी) को नागल ने ऑस्ट्रेलियन ओपन के पहले दौर के मुकाबले में विश्व के 27वें नंबर के एलेक्जेंडर बुब्लिक को सीधे सेट में 6-4, 6-2, 7-6 से मात दी। 26 वर्षीय नागल और भारतीय टेनिस के लिए यह बड़ा स्वर्णिम दिन है। हालांकि, उनका यहां तक का सफर आसान नहीं रहा है।
पिछले साल नागल के खाते में थे लगभग 80,000 रुपये
नागल ने बीते साल सितंबर में टेनिस जैसे महंगे खेल में आर्थिक तंगी को लेकर दुख जाहिर किया था। नागल ने न्यूज एजेंसी PTI से कहा था, "अगर मैं अपने बैंक खाते की बात कंरू, तो मेरे पास इतनी ही राशि है, जितनी की साल के शुरुआत में थी। मेरे खाते में लगभग 80,000 रुपये है।" नागल ने स्पष्ट किया था कि वह जितनी भी इनामी राशि टूर्नामेंट से जीतते हैं, वह उसे अपनी तैयारियों में खर्च कर देते हैं।
दूसरे दौर में पहुंचकर नागल ने जीते लगभग 1 करोड़ रुपये
नागल ने ऑस्ट्रेलिया ओपन के दूसरे दौर में प्रवेश किया है। इस बार पहले दौर के मैच जीतने वाले खिलाड़ियों को 1.80 लाख ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग 1 करोड़ रुपये) मिलने है, जो पिछले बार की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है। अगर वह अगले मैच को भी जीतने में सफल होंगे, तो उनकी इनामी राशि में निश्चित तौर पर बढ़ोतरी होगी। बता दें कि इस बार खिताब जीतने वाले खिलाड़ी (एकल वर्ग) को लगभग 17 करोड़ रुपये मिलने हैं।
नागल ने हासिल की ये उपलब्धि
नागल से पहले 2013 में सोमदेव देववर्मन ने ऑस्ट्रेलिया ओपन के दूसरे दौर में जगह बनाई थी। नागल साल 1989 के बाद पहले ऐसे भारतीय पुरुष खिलाड़ी बने हैं, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया ओपन में अपने से बेहतर रैंकिंग वाले खिलाड़ी को मात दी है। साल 1989 में रमेश कृष्णन ने मैट्स विलेंडर को हराया था। दिलचस्प बात यह है कि विलेंडर उस समय दुनिया के नंबर-1 खिलाड़ी थे और अपने खिताब का बचाव कर रहे थे।
सिर्फ चौथी बार किसी ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं नागल
नागल सिर्फ चौथी बार किसी ग्रैंड स्लैम प्रतियोगिता के मुख्य ड्रॉ में हिस्सा ले रहे हैं। इसके साथ-साथ यह केवल दूसरी बार है जब नागल ने ग्रैंड स्लैम के मुख्य ड्रॉ में कोई मैच जीता है। इससे पहले उन्होंने 2020 के US ओपन में स्थानीय खिलाड़ी ब्रैडली क्लैन को हराया था। तब वह देववर्मन (2013) के बाद एकल ग्रैंड स्लैम मुख्य ड्रा का मैच जीतने वाले पहले भारतीय बने थे।
हरियाणा में जन्में हैं नागल
नागल का जन्म 16 अगस्त, 1997 को हरियाणा के झज्जर जिले के जैतपुर गांव में हुआ था। वहां पर टेनिस की विश्व स्तरीय सुविधा नहीं होने के कारण उनका परिवार दिल्ली के नागलोई में आकर बस गया था। जब वह लगभग 10 साल के थे तभी महेश भूपति की नजर उन पर पड़ी। इसके बाद 2 साल के लिए वह बैंगलोर स्थित भूपति की अकादमी में ट्रेनिंग के लिए गए और फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।