#KabaddiKeHero: जानिये, कबड्डी के लिए मार खाने से लेकर 'कैप्टन कूल अनूप' बनने तक की कहानी
क्या है खबर?
पिछले कुछ समय से इंडिया में कबड्डी को लेकर लोगों में जुनून काफी ज्यादा बढ़ा है।
कबड्डी अब धूल में नहीं खेली जा रही है। खिलाड़ी अब रंग-बिरंगे मैट पर खेल रहे हैं लेकिन इन बदलावों को लाने वाले कुछ खिलाड़ी हैं जो कि हीरो से कम नहीं हैं।
कबड्डी हीरोज सीरीज की पहली किस्त में हमने प्रदीप नरवाल की कहानी आपको बताई थी।
भारतीय टीम के कप्तान अनूप कुमार की कहानी के साथ प्रस्तुत है सीरीज की दूसरी किस्त।
बचपन
घर में पड़ती थी मार फिर भी खेलते थे कबड्डी
हरियाणा के गुरुग्राम के छोटे से गांव पलड़ा में जन्में अनूप को बचपन में ही कबड्डी खेलने का शौक था।
हालांकि अनूप के पिता और भाई को उनका कबड्डी खेलना पसंद नहीं आता था। पिता का कहना था कि पढ़ाई करके कोई नौकरी करो क्योंकि खेल से कुछ नहीं होता।
अनूप की मां उन्हें थोड़ा सपोर्ट करती थी और यही बात उन्हें प्रेरणा देती थी।
घर पर बिन बताए कबड्डी खेलने चले जाने से अनूप की पिटाई भी होती थी।
CRPF
कबड्डी खेलने के लिए CRPF में भर्ती हो गए अनूप
लगातार घर से दबाव पड़ने के कारण अनूप के दिमाग में नौकरी की चिंता घूमने लगी थी।
2005 में दिल्ली में हुए एक टूर्नामेंट में अनूप ने CRPF की टीम के खिलाफ शानदार प्रदर्शन किया।
मैच के बाद CRPF टीम के कोच ने अनूप को नौकरी का ऑफर दिया जिसे अनूप ने तुरंत स्वीकार कर लिया।
स्थाई नौकरी मिल जाने के बाद अनूप के ऊपर से घर का दबाव खत्म हो गया और उन्होंने पूरा समय कबड्डी को दे दिया।
जानकारी
अनूप का इंटरनेशनल करियर
2006 में इंडियन नेशनल कबड्डी टीम के लिए अपना डेब्यू करने वाले अनूप ने 2010 और 2014 एशियन गेम्स में भारतीय टीम को गोल्ड मेडल जीता जिताया था। अनूप 2016 में कबड्डी वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान थे।
प्रो कबड्डी लीग
प्रो कबड्डी के पहले सीजन में 10.20 लाख में बिके थे अनूप
2014 में शुरु हुए प्रो कबड्डी लीग के पहले सीजन में अनूप कुमार को यू मुंबा ने Rs 10.20 लाख में खरीदा था।
अनूप ने लगातार पांच सालों तक यू मुंबा की कप्तानी की और 2015 में टीम को प्रो कबड्डी लीग का खिताब भी जिताया।
मुंबा के साथ अपने पांचवे सीजन में अनूप लीग इतिहास में 400 रेड अंक बनाने वाले पहले खिलाड़ी बने थे।
2018 सीजन में Rs. 30 लाख में जयपुर पिंक पैंथर्स ने अनूप को खरीदा।
जानकारी
अर्जुन अवार्ड जीत चुके हैं अनूप
कबड्डी में अनूप के योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने 2012 में उन्हें अर्जुन अवार्ड से नवाजा था। अनूप फिलहाल हरियाणा के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस हैं। अनूप ने इंडियन एयरफोर्स में भी नौकरी की है।
जीवनशैली
नाम और पैसा कमाने के बाद भी साधारण जीवन जीते हैं अनूप
कहते हैं कि पैसा आने के बाद लोगों के जीने का तरीका, बोल-चाल और काफी सारी चीजों में बदलाव आ जाता है।
लेकिन अनूप के जीवन में ऐसा कुछ नहीं हुआ। पैसा और नाम कमाने के बाद भी अनूप गांव में ही रहते हैं।
शुद्ध शाकाहारी अनूप को घर का खाना ही पसंद है। गाय और भैसों को खिलाना, नहलाना और दूध निकालना उनकी दिनचर्या है।
अनूप को दूध, दही और बादाम खाना पसंद है।