हरभजन बनाम अश्विन: IPL में कौन बेहतर? जानिए क्या कहते हैं आंकड़े
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के 13वें सीजन की शुरुआत 19 सितंबर से UAE में होगी। कोरोना के कारण UAE शिफ्ट किए जाने के बाद टूर्नामेंट में स्पिनर्स का महत्व काफी बढ़ जाएगा। भारत के दो बेहतरीन ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और हरभजन सिंह इस सीजन अच्छा प्रदर्शन करना चाहेंगे। IPL में किए गए अब तक के प्रदर्शन के आधार पर आइए एक नजर डालते हैं अश्विन और हरभजन के तुलनात्मक विवरण पर।
पांचवें सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं हरभजन
भारत के सबसे सफल ऑफ-स्पिनर हरभजन सिंह ने IPL में दो दिग्गज फ्रेंचाइजियों मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेला है। 2018 में CSK जाने से पहले तक वह मुंबई की टीम का अहम हिस्सा रहे थे। 40 वर्षीय हरभजन लीग के पांचवें सबसे ज़्यादा और ऑफ स्पिनर्स की लिस्ट में सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। उन्होंने 160 मैचों में 26.44 की औसत के साथ 150 विकेट लिए हैं।
ऐसा रहा है अश्विन का IPL करियर
रविचंद्रन अश्विन ने हरभजन के बाद ऑफ-स्पिन की जिम्मेदारी संभालने का काम किया और भारतीय टीम में ऑफ स्पिनर के तौर पर पहली पसंद बने। IPL में अश्विन चेन्नई सुपरकिंग्स, राइजिंग पुणे सुपरजॉयंट्स और किंग्स इलेवन पंजाब का हिस्सा रह चुके हैं तथा इस बार वह दिल्ली कैपिटल्स के लिए खेलते नजर आएंगे। उन्होंने अब तक 139 मैचों में 26.48 की औसत के साथ 125 विकेट लिए हैं।
हरभजन और अश्विन के बेस्ट सीजन
2013 में जब मुंबई इंडियंस ने पहली बार IPL खिताब जीता था तब हरभजन का प्रदर्शन शानदार रहा था। उन्होंने 19 की औसत के साथ 24 विकेट लिए और अपनी टीम के लिए सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज रहे। अश्विन ने 2011 में CSK को लगातार दूसरी बार IPL खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई थी। उस सीजन उन्होंने 19.40 की औसत के साथ 20 विकेट लेकर करियर बेस्ट प्रदर्शन किया था।
मैच में पांच विकेट लेने का कारनामा कर चुके हैं हरभजन
2011 में मुंबई के लिए खेलते हुए हरभजन ने 5/18 का अपना बेस्ट प्रदर्शन किया था। पांच विकेट लेकर उन्होंने चिर-प्रतिद्वंदी CSK के खिलाफ अपनी टीम को जीत दिलाई थी। 2016 सीजन में राइजिंग पुणे सुपरजॉयंट्स के लिए खेलते हुए अश्विन ने अपना करियर बेस्ट हासिल किया था। उन्होंने किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ अच्छी गेंदबाजी करते हुए 4/34 हासिल किया था। आखिरी ओवर में एमएस धोनी के बेहतरीन बल्लेबाजी के दम पर पुणे ने जीत दर्ज की थी।