श्रीलंका बनाम भारत: तीसरे वनडे में टॉस जीतकर भारत ने लिया बल्लेबाजी का फैसला
क्या है खबर?
कोलम्बो में खेले जा रहे सीरीज के तीसरे और आखिरी वनडे में भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया है।
शुरुआती दो मैच जीतकर भारतीय टीम ने 2-0 की अजेय बढ़त बनाई हुई है।
ऐसे में भारत आखिरी वनडे जीतकर क्लीन स्वीप करना चाहेगी तो वहीं श्रीलंका बेहतर प्रदर्शन करना चाहेगी।
आइए जानते हैं दोनों टीमों की प्लेइंग इलेवन और कुछ अन्य जरूरी बातें।
प्लेइंग इलेवन
ये है दोनों टीमों की प्लेइंग इलेवन
भारतीय टीम: पृथ्वी शॉ, शिखर धवन (कप्तान), संजू सैमसन (विकेटकीपर), मनीष पांडे, सूर्यकुमार यादव, नीतीश राणा, हार्दिक पांड्या, कृष्णप्पा गौतम, राहुल चाहर, नवदीप सैनी और चेतन सकारिया।
श्रीलंकाई टीम: अविष्का फर्नांडो, मिनोद भानुका (विकेटकीपर), भानुका राजपक्षे, धनंजय डी सिल्वा, चरित असलंका, दासुन शनाका (कप्तान), रमेश मेंडिस, चमिका करुणारत्ने, अकिला धनंजय, दुष्मंथा चमीरा और प्रवीण जयविक्रमा।
पर्दापण करने वाले खिलाड़ी
दूसरी बार पांच भारतीय खिलाड़ियों ने एक साथ किया वनडे में पर्दापण
भारत से संजू सैमसन, नीतीश राणा, चेतन सकारिया, गौतम और राहुल चाहर के रूप में पांच खिलाड़ियों ने वनडे में पर्दापण किया।
यह सिर्फ दूसरा मौका (सबसे पहले वनडे को छोड़कर) है, जब भारतीय टीम से पांच खिलाड़ियों ने एक साथ वनडे में पर्दापण किया हो।
1980 में मेलबर्न में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए मुकाबले में भारत की ओर से दिलीप दोशी, कीर्ति आजाद, रोजर बिन्नी, संदीप पाटिल और तिरुमलाई श्रीनिवासन ने पदार्पण किया था।
आमने-सामने
श्रीलंका के खिलाफ भारत ने बनाकर रखा है दबदबा
वनडे क्रिकेट में हेड-टू-हेड रिकॉर्ड की बात करें तो भारत ने श्रीलंका पर दबदबा बनाए रखा है। दोनों टीमों के बीच खेले गए 161 में से 93 वनडे में भारत ने जीत दर्ज की है।
श्रीलंका को अब तक 56 मैचों में जीत मिली है, एक मैच टाई रहा है और 11 के परिणाम नहीं निकले हैं। अगस्त 1997 के बाद से अब तक श्रीलंका ने भारत के खिलाफ द्विपक्षीय वनडे सीरीज नहीं जीती है।
रिकार्ड्स
मैच में बन सकते हैं ये रिकार्ड्स
शिखर धवन ने अब तक 45.80 की औसत से 6,092 रन बना लिए हैं। वह रनों के मामले में वनडे में जो रूट (6,109) और मैथ्यू हेडेन (6,133) को पीछे छोड़ सकते हैं।
अब तक 56 वनडे विकेट ले चुके ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या वनडे विकेटों के मामले में देबाशीष मोहंती (57) से आगे निकल सकते हैं।
दसुन शनाका (666) के पास भी चंडिका हथुरुसिंघा (669) और मुथैय्या मुरलीधरन (674) से आगे निकलने का मौका रहेगा।