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समलैंगिक रिलेशनशिप में हैं भारत की स्टार एथलीट दुती चंद, कहा- मेरी हमसफर मिल गई

समलैंगिक रिलेशनशिप में हैं भारत की स्टार एथलीट दुती चंद, कहा- मेरी हमसफर मिल गई

May 19, 2019
12:15 pm

क्या है खबर?

भारत की सबसे तेज धावक महिला दुती चंद ने अपने व्यक्तिगत जीवन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि वो अपने शहर की एक लड़की के साथ समलैंगिक रिलेशनशिप में हैं। दुती ने कहा कि उन्हें उनकी हमसफर मिल गई हैं और वो उसे सालों से जानती हैं। 23 वर्षीय दुती ने एशियन गेम्स 2018 में दो सिल्वर मेडल जीते थे। दुती भारत की पहली खिलाड़ी हैं जिन्होंने समलैंगिक रिलेशनशिप में होने की बात कही है।

बयान

अभी ध्यान वर्ल्ड चैंपियनशिप और ओलंपिक पर

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, दुती ने कहा, "मुझे मेरी हमसफर मिल गई है। मेरा मानना है कि हर किसी को यह आजादी होनी चाहिए कि वह अपनी पसंद से तय करे सके कि उसे किसके साथ रहना है। मैंने हमेशा समलैंगिक लोगों के अधिकारों का समर्थन किया है। यह निजी पसंद होती है।" उन्होंने कहा, "अभी मेरा ध्यान वर्ल्ड चैंपियनशिप और ओलंपिक पर है, लेकिन भविष्य में मैं उसके साथ सैटल होना चाहूंगी।"

जानकारी

सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने दी हिम्मत

दुती ने कहा कि समलैंगिक संबंधों को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से उन्हें अपने रिलेशन के बारे में बोलने की हिम्मत मिली है। कोर्ट ने पिछले साल सितंबर में समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था।

बयान

सार्वजनिक नहीं की साथी की पहचान

दु्ती ने बताया, "मैं हमेशा उसके साथ होना चाहती थी जो मुझे खिलाड़ी बने रहने के लिए प्रोत्साहित करे। मैं 10 साल से दौड़ रही हूं और शायद अगले 5 या 7 साल और दौड़ूंगी। मुझे मुकाबलों में हिस्सा लेने के लिए दुनिया में अलग-अलग जगहों पर जाना होता है। यह आसान नहीं है। मुझे किसी का सहारा भी चाहिए।" उन्होंने 'बेवजह की अटेंशन' के कारण अपनी महिला साथी की पहचान को सार्वजनिक नहीं किया है।

समलैंगिकता

भारत में क्या है समलैंगिकों को लेकर नियम

भारत में समलैंगिक संबंधों को कानूनी मान्यता मिली है, लेकिन समलैंगिक शादी अभी भी गैरकानूनी है। सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितंबर, 2018 को ऐतिहासिक फैसला में समलैंगिकता को अपराध मानने वाली धारा 377 को रद्द करते हुए समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था। पांच सदस्यीय बेंच ने एकमत से अपने फैसले में कहा था कि समलैंगिक समुदाय को भी बराबर अधिकार है। अंतरंगता और निजता निजी पसंद है। इसमें राज्य का दखल नहीं होना चाहिए।